सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बीसीसीआई की मेडिकल टीम भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के साथ उनकी दाहिनी एड़ी की सर्जरी के बाद उनकी रिकवरी पर काम कर रही है। शमी एड़ी की इस समस्या से पूरी तरह से उबर चुके हैं। शमी ने नवंबर में मध्य प्रदेश के खिलाफ बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी मैच में 43 ओवर गेंदबाजी की थी। इसके बाद, उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के सभी नौ मैचों में खेला, जहां उन्होंने टेस्ट मैचों के लिए तैयार होने के लिए अपनी गेंदबाजी क्षमता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त गेंदबाजी सत्रों में भी भाग लिया। गेंदबाजी के कार्यभार के कारण उनके बाएं घुटने में मामूली सूजन देखी गई है। लंबे समय के बाद बढ़ी हुई गेंदबाजी के कारण सूजन अपेक्षित स्तर पर है।
विजय हजारे में भी खेलना मुश्किल
मौजूदा मेडिकल आकलन के आधार पर, बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने निर्धारित किया है कि उनके घुटने को गेंदबाजी के भार को नियंत्रित करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। लिहाजा उन्हें बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बचे हुए दो टेस्ट के लिए फिट नहीं माना गया है। शमी बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मेडिकल स्टाफ की देखरेख में रहते हुए कंडीशनिंग प्रशिक्षण से गुजरना जारी रखेंगे और खेल के सबसे लंबे प्रारूप की मांगों को पूरा करने के लिए अपनी गेंदबाजी क्षमता को बढ़ाएंगे। विजय हजारे ट्रॉफी में उनकी भागीदारी उनके घुटने की स्थिति पर निर्भर करेगी।