हॉल ऑफ फेम में किसे मिलती है एंट्री
आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने के लिए किसी भी क्रिकेटर को विशिष्ट मानदंडों को पूरा करना होता है। किसी क्रिकेटर को इसमें शामिल करने से सबसे पहले ये देखा जाता है कि वह कम से कम 5 साल के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सेवानिवृत्त हो चुका हो। अगर खिलाड़ी बल्लेबाज है तो टेस्ट या वनडे प्रारूपों में कम से कम 8,000 रन और 20 शतक होने चाहिए या किसी भी प्रारूप में 50 या उससे अधिक का बल्लेबाजी औसत होनी चाहिए।कप्तान को ऐसे मिलती है एंट्री
वहीं, क्रिकेटर यदि गेंदबाज है तो टेस्ट या वनडे प्रारूपों में कम से कम 200 विकेट लेने चाहिए। गेंदबाजी स्ट्राइक रेट टेस्ट में 50 से कम और वनडे में 30 से कम होना चाहिए। अगर वह विकेटकीपर है तो टेस्ट या वनडे प्रारूपों में या दोनों में कम से कम 200 आउट (कैच या स्टंपिंग) होने चाहिए। जबकि कप्तान है तो कम से कम 25 टेस्ट मैचों या 100 वनडे मैचों में अपनी टीम का नेतृत्व किया हो। दोनों में से किसी एक या दोनों प्रारूपों में जीत का प्रतिशत 50% या उससे अधिक होना चाहिए।असाधारण योगदान वाले भी हो सकते हैं शामिल
हॉल ऑफ फेम के लिए उपरोक्त मानदंड जरूरी हैं। हालांकि क्रिकेट में असाधारण योगदान वाले क्रिकेटर को भी शामिल किया जा सकता है। इससे खिलाड़ियों, अंपायरों, प्रशासकों या अन्य लोगों को शामिल किया जा सकता है, जिनका महत्वपूर्ण योगदान हो।पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की आईसीसी हॉल ऑफ फेम में हुई एंट्री
हॉल ऑफ फेम के लिए चयन की प्रक्रिया
आईसीसी हॉल ऑफ फेम के लिए चयन एक पैनल करता है, जिसमें मौजूदा आईसीसी हॉल ऑफ फ़ेमर्स, वरिष्ठ आईसीसी अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि और फ़ेडरेशन ऑफ़ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (FICA) के सदस्य शामिल होते हैं। आमतौर पर आईसीसी इवेंट जैसे आईसीसी अवार्ड्स या वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल जैसे बड़े टूर्नामेंट के दौरान शामिल किए जाने वालों की घोषणा की जाती है। जीवित शामिल किए जाने वालों या मृतक के परिजनों को सम्मान के तौर पर आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम कैप प्रदान की जाती है।आईसीसी हॉल ऑफ फेम लिस्ट में शामिल भारतीय दिग्गज
सुनील गावस्कर: 2009 मेंबिशन सिंह बेदी: 2009 में
कपिल देव: 2005 में
अनिल कुंबले: 2015 में
राहुल द्रविड़: 2018 में
सचिन तेंदुलकर: 2019 में
वीनू मांकड़: 2021 में
डायना एडुल्जी: 2023 में
वीरेंद्र सहवाग: 2023 में
नीतू डेविड: 2024 में