विक्रम राठौड़ ने कहा, “हम पिछले कुछ समय से उनके साथ काम कर रहे हैं, शायद तीन से चार महीने से, हमने इन सभी पहलुओं को देखा है, लेकिन दबाव की परिस्थितियों में उन्हें अच्छा प्रदर्शन करते देखना बहुत अच्छा लगता है।”
14 वर्षीय सूर्यवंशी ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 188 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पारी की शुरुआत की। इस दौरान जहां गेंद काफी तेजी से घूम रही थी और पारी की शुरुआत में रन बनाने के सीमित अवसर थे। हालांकि, सूर्यवंशी ने शानदार परिपक्वता का परिचय देते हुए अपनी पारी में चार छक्के और चार चौके लगाए।
राठौर ने कहा, चेन्नई सुपर किंग्स जैसे बड़े मैच में जब वह मैदान पर उतरे तो गेंद थोड़ी हरकत कर रही थी। उन्हें मुश्किल से कोई गेंद मिली और पावरप्ले में वह स्ट्राइक पर भी नहीं थे।लेकिन उन्होंने जिस तरह की परिपक्वता और धैर्य दिखाया, वह बेहतरीन था। इस तरह के अनुभव निश्चित रूप से उन्हें आगे चलकर बेहतर खिलाड़ी बनाएंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि वैभव सूर्यवंशी के साथ अच्छी बात यह है कि उनके पास निरंतरता है और वह लगभग हर मैच में अच्छा कर रहे हैं। उन्होंने पंजाब किंग्स के खिलाफ पिछले मैच में भी अच्छी पारी खेली थी और बार-बार ऐसा करना दिखाता है कि वह अलग और अनूठे हैं। उनके बल्ले का डाउनस्विंग उन्हें एक विशेष खिलाड़ी बनाता है।”
वैभव सूर्यवंशी ने मौजूदा सीजन में अब तक 7 मैचों में 252 रन बनाए हैं, लेकिन जयपुर में गुजरात टाइटंस के खिलाफ उनके तूफानी शतक ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं। वैभव सूर्यवंशी महज 14 साल की उम्र में वह पुरुष T-20 क्रिकेट में सबसे कम उम्र के शतक लगाने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 38 गेंदों पर 101 रन बनाए थे। उन्होंने सिर्फ 35 गेंदों में शतक ठोका था, जोकि आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक है।