पिछले 3 सीरीज में रहा खराब प्रदर्शन
लेकिन पिछले साल सितंबर से खराब फॉर्म का मतलब था कि रोहित का टेस्ट करियर मुश्किल स्थिति में था। बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में रोहित केवल एक बार 50 रन का आंकड़ा पार कर पाए, जबकि उनका औसत केवल 10.93 रहा। अपने बेटे के जन्म के कारण पर्थ में पहला टेस्ट मिस करने के बाद, रोहित अगले तीन टेस्ट में खेलने के लिए वापस आए, लेकिन केवल 31 रन बनाए। उस खराब फॉर्म के कारण 38 वर्षीय रोहित जनवरी में एससीजी में अंतिम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट से बाहर हो गए। रवि शास्त्री ने कहा, “मैंने रोहित को टॉस के समय बहुत देखा। टॉस के समय, आपको बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है। हालांकि मैंने एक आईपीएल मैच में उनसे कहा, अगर मैं कोच होता, तो आप ऑस्ट्रेलिया में आखिरी टेस्ट मैच खेलते।” शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू शो में कहा, “आप आखिरी टेस्ट मैच खेलते, क्योंकि सीरीज खत्म नहीं हुई थी और मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो 2-1 के स्कोर के साथ हार मान लेता।” उस समय सीरीज में ऑस्ट्रेलिया 2-1 से आगे था। शास्त्री ने कहा कि रोहित को सिडनी में टेस्ट मैच क्यों खेलना चाहिए था।
उन्होंने कहा, “अगर वह गया होता, स्थिति को भांपता, स्थिति को समझता और शीर्ष पर 35-40 रन बनाता, तो आप कभी नहीं जान सकते। वह श्रृंखला बराबरी पर होती। लेकिन यह हर किसी का अपना होता है। दूसरे लोगों की अलग-अलग शैली होती है। यह मेरी शैली होती और मैंने उसे यह बताया। यह लंबे समय से मेरे दिल में बैठा हुआ है। मुझे इसे बाहर निकालना था। और मैंने उसे यह बताया।”