शास्त्री को भी हुआ था हैरानी
रवि शास्त्री ने बताया कि
विराट के फैसले से उन्हें भी बहुत हैरानी हुई। उन्होंने सोचा था कि विराट अभी 2-3 साल और क्रिकेट खेल सकते थे। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि कोहली मानसिक रूप से थक चुके थे और उनका शरीर भी अब साथ नहीं दे रहा था। यही वजह रही कि उन्होंने यह बड़ा फैसला ले लिया।
निजी बातचीत में कोहली ने कही साफ बात
शास्त्री ने बताया, “मैंने विराट से इस बारे में एक हफ्ते पहले बात की थी। वह बिल्कुल साफ थे कि उन्होंने भारतीय टीम के लिए सब कुछ दे दिया है और अब कोई पछतावा नहीं है। मैंने कुछ निजी सवाल पूछे, और उन्होंने साफ तौर पर बताया कि अब उनके मन में कोई संदेह नहीं बचा है। तब मुझे भी लगा कि अब यही सही समय है।” शास्त्री ने आगे कहा, “शारीरिक रूप से भले ही वो टीम के कई खिलाड़ियों से ज्यादा फिट थे, लेकिन जब मन थक जाता है, तो वह शरीर को भी संकेत देने लगता है कि अब बहुत हो गया।”
दुनिया भर में है विराट का बड़ा नाम
शास्त्री ने विराट की तारीफ करते हुए कहा, “उन्हें पूरी दुनिया से सम्मान मिला है। पिछले 10 सालों में उनका फैन बेस किसी भी खिलाड़ी से बड़ा रहा है। चाहे ऑस्ट्रेलिया हो या दक्षिण अफ्रीका, उन्होंने लोगों को क्रिकेट देखने के लिए मजबूर कर दिया। उनकी खेलने की शैली और जश्न मनाने का अंदाज़ लोगों को बहुत पसंद आता था। उनका जोश और ऊर्जा ड्रेसिंग रूम से निकलकर टीवी देखने वालों तक पहुँच जाती थी। विराट एक बहुत ही प्रभावशाली और जोशीले खिलाड़ी हैं।”
विराट का शानदार रिकॉर्ड
विराट कोहली ने भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 46.85 की औसत से 9,230 रन बनाए और 30 शतक लगाए। उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिनमें से भारत ने 40 मैच जीते जो कि किसी भी भारतीय कप्तान के नाम सबसे ज़्यादा जीतें हैं।
विराट का समर्पण सबसे अलग
शास्त्री ने कहा, “विराट जो भी करते थे, उसमें अपना 100% देते थे। यह हर किसी के बस की बात नहीं है। कई खिलाड़ी मैदान पर अपना काम करते हैं और फिर शांत हो जाते हैं, लेकिन विराट मैदान पर ऐसे रहते थे जैसे उन्हें ही सारे विकेट लेने हैं, हर कैच पकड़नी है और हर फैसला खुद ही लेना है। उनका जुनून और समर्पण टीम के लिए प्रेरणा था।”