इसका मतलब समझाते हुए पूर्व भारतीय स्पिनर ने बताया कि जब वह डिफेंस का निर्णय ले लेते हैं तो उन्हें आउट करना बेहद मुश्किल होता है। मैंने उन्हें नेट्स पर बहुत गेंदबाजी की है, उन्हें आउट करने में सफल नहीं हुए। गेंद ने बल्ले का किनारा नहीं लिया और एलबीडब्ल्यू भी नहीं कर सके।
पंत में हर मैच में बड़ा स्कोर बनाने की क्षमता
अश्विन ने यह भी कहा कि पंत को अभी अपनी पूरी क्षमता से वाकिफ नहीं हैं। उनके पास रिवर्स स्वीप, स्लॉग स्वीप और सभी तरह के शॉट हैं, हालाकि समस्या यह है कि उनके सभी शॉट बेहद जोखिम वाले हैं। अगर वह डिफेंस में अपने खेल पर ध्यान दें और 200 गेंदों का सामना करें तो उसमें हर मैच में बड़ा स्कोर बनाने की काबिलियत है। मुख्य मसला तो संतुलन स्थापित करने का है। यदि वह ऐसा करें तो वह हर मैच में शतक बना सकता है। उसे इसके लिए बीच का रास्ता अख्तियार करना होगा। हमें गौर करना चाहिए कि ऋषभ पंत डिफेंसिव बल्लेबाजी करते हुए कभी आउट नहीं हुए। उसके पास विश्व की सबसे अच्छी डिफेंस तकनीक में से एक है।
सिडनी टेस्ट मैच की पहली पारी की नहीं हुई चर्चा..
38 वर्षीय स्पिनर ने कहा कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में 5वें और सिडनी में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच की पहली पारी में रक्षात्मक होकर खेलते हुए 40 रन बनाए, जिसकी कोई चर्चा नहीं हुई। यह सही नहीं है। वहीं, दूसरी पारी में उन्होंने 33 गेंद में 61 रन की आकर्षक पारी खेली, जिसके लिए उन्हें चहुंओर प्रशंसा मिली। हर कोई उनकी पहली पारी को भूल गया और दूसरी पारी के लिए उन्हें प्रशंसा मिली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में ऋषभ पंत ने सर्वाधिक रन बनाने वाले छठे बल्लेबाज थे। उन्होंने 5 मैच की 9 पारियों में 28.33 की औसत और 59.02 की स्ट्राइक रेट से 255 रन बनाए, जिसमें एक शतक शामिल हैं। इस सीरीज में उनका सर्वोच्च स्कोर 61 है, जिसे उन्होंने सिडनी में खेले गए 5वें और आखिरी मुकाबले में बनाया था।