मालती बाई जैसे ही नदी में झुकी, तभी मगरमच्छ ने उसके पैर को जबड़े में दबोच लिया और गहरे पानी में खींच ले गया। मौजूद महिलाएं चीखती-चिल्लाती रहीं, लेकिन तेज बहाव और जान का जोखिम होने के कारण कोई उसे बचा नहीं सका।
पूर्व में हुई घटनाओं के बाद भी प्रशासन और स्थानीय लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। बारिश के समय ऐसी घटनाएं हमेशा देखने को मिलती हैं।
पिछले साल दस साल के बालक को बनाया था शिकार
यह पहली बार नहीं है जब व्यारमा नदी में मगरमच्छ ने हमला किया हो। पिछले वर्ष इसी पंचायत के हटरी गांव में एक 10 वर्षीय बालक की जान मगरमच्छ ने ले ली थी। इसके अलावा नोहटा, बनवार, माला और जुझार सहित कई गांवों में मगरमच्छ देखे जाने की घटनाएं सामने आती रहीं हैं।
आक्रोशित ग्रामीणों ने हाइवे पर लगाया चक्काजाम
शुक्रवार की सुबह दमोह-जबलपुर हाइवे के अभाना में ग्रामीणों ने घटना के बाद चक्काजाम कर दिया। करीब एक घंटे तक मौके पर जाम लगा रहा, जिससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार आशुतोष गुप्ता, थाना प्रभारी अभिषेक पटेल, उपवन मंडल अधिकारी एमडी मानिकपुरी, रेंजर विक्रम चौधरी और अन्य अधिकारियों ने परिजनों को समझाइश दी और प्रशासन ने जब आठ लाख रुपए की मुआवजा राशि नियम अनुसार दिलाने का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर विरोध-प्रदर्शन शांत हुआ।
झाडिय़ों में फंसा मिला शव
घटना की सूचना पर वन विभाग और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। करीब एक घंटे की खोजबीन के बाद महिला का शव नदी के दूसरे किनारे झाडिय़ों में फंसा मिला। वहीं घटना की खबर फैलते ही कलेक्टर सुधीर कोचर, एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी और डीएफओ ईश्वर जरांडे भी घटनास्थल पर पहुंचे।