एसपी श्रतुकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि शहर में लगातार देशी कट्टा जैसे हथियार चलने की वारदातें सामने आ रही थीं। इसके बाद हम लगातार इनकी उपलब्धता पर काम कर रहे थे। डीड मिली थी कि चैनपुरा क्षेत्र में ये लोकल मेड हथियार मिल जाते हैं। इसके लिए सिटी कोतवाली और आइटी सेल की टीम को सक्रिय किया। पता चलता है कि यहां हथियार बनाने की फैक्ट्री ही संचालित हो रही है, जिस पर हमने शुक्रवार को दबिश देकर भांडाफोड़ किया। बताया गया है कि करीब ६ महीने से यहां काम चल रहा था।
सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि मौके पर हथियार बनाने का पूरा सामान था, जिससे हथियार बन रहे थे। मौके से ही हमने आरोपी भरत भूषण पिता कैलाश नाथ बंसल निवासी चैनपुरा, परमसुख पिता रामदीन रैकवार निवासी जबलपुर नाका, भूरा उर्फ रजनीकांत पिता रमेश विश्वकर्मा आंवरी हिंडोरिया को गिरफ्तार किया। यहां से 10 देशी कट्टा, 02 छकडी रिवाल्वर, 2 पिस्टल, 1 ग्लांडर, 1 बोर मशीन, कुछ अधबने हथियार, खाली कारतूस, देशी कट्टा व पिस्टल बनाने का सामान विधिवत जप्त किया गया। खाली कारतूस मिलने से स्पष्ट है कि बाकायदा चेक करके ही अवैध हथियार का विक्रय होता था।
सिटी कोतवाली टीआई आनंद राज ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह १० हजार रुपए में देशी कट्टा बेचते थे। ३०-४० हजार में पिस्टल और रिवॉल्वर छकड़ी २५ हजार रुपए तक में बेच देते थे। उन्हें जानने वाले यहां से हथियार लेकर जाते थे। पकड़े गए आरोपियों में से भूरा विश्वकर्मा का पुराना रेकॉर्ड भी है, वह पहले भी अवैध हथियार बनाने, बेचने के मामले में पकड़ चुका है। जिसका संपर्क अन्य लोगों से भी बताया जा रहा है। भूरा ही हथियार बनाने मेें माहिर बताया जा रहा है। एसपी ने बताया कि पिस्टल की फिनेसिंग देखकर लगता है कि आरोपी कोई एक्सपर्ट हो।
एसपी ने बताया कि अवैध हथियारों का जिस स्तर पर निर्माण हो रहा था, उससे स्पष्ट है कि उसकी सप्लाई भी हो रही होगी। भूरा लंबे समय से इस फील्ड में है, ऐसे में इसके तार कहां-कहां जुड़े हैं, इसके लिए पूछताछ की जा रही है। बुंदेलखंड सहित जहां-जहां भी हथियार सप्लाई हुए होंगे, कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि अभी और हथियार जब्त होंगे। साथ ही आरोपी भी अधिक पकड़े जाएंगे। चैन तोडऩे का प्रयास करेंगे।
इस कार्रवाई में टीआई आनंद राज, सउनि राकेश पाठक, रघुराज सिंह, प्रआर राकेश अठ्या, सौरभ टंडन, सूर्यकांत पाण्डेय, महेश यादव, देवेन्द्र रैकवार, प्रमोद चौबे आरक्षक नरेन्द्र पटेरिया, रानू राय, मनोज पाण्डेय, सैनिक राकेश दुबे शामिल रहे।