कथा में वही आते है, जिन्हें भगवान बुलाते है: किशोरी वैष्णवी
कथा में वही आते है, जिन्हें भगवान बुलाते है: किशोरी वैष्णवी


दमोह. कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग के मुखारबिंद से जमुनिया हजारी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन सभी ने भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव उत्साह और उमंग के साथ मनाया। कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग द्वारा नंद बाबा के घर पर उत्सव के माहौल का सुंदर वर्णन किया।
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भक्तों ने भजनों की धुनों पर मगन होकर से थिरकते हुए श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद उजागर किया। बासुदेव के रूप में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव का आनंद मनाते हुए भक्तों ने खूब उत्साह मनाया। कथा प्रसंग में कथा व्यास किशोरी वैष्णवी गर्ग ने कहा कि भगवान युगों-युगों से भक्तों के साथ अपने स्नेह रिश्ते को निभाने के लिए अवतार लेते आये हैं। कथा व्यास किशोरी ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के भाव और प्रेम से बंधे है। उनसे भक्तों की दुविधा कभी देखी ही नहीं जाती। वे अपने भक्तों की कामना की पूर्ति तो करते ही है। साथ ही उनके साथ अपने स्नेह बंधन निभाने खुद इस धरा पर आते हैं। कथा में वामन अवतार, समुंद्र मंथन, श्रीराम जन्मोत्सव और भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का सुंदर और भाव पूर्ण वर्णन किया।
किशोरी ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के साथ सदा हर पल खड़े रहते हैं, वे भक्तों के हाथों से दी प्रेम और भाव के साथ दी गई वास्तु उसी तरह ग्रहण करते हैं। जिस तरह से उन्होंने द्रौपदी का पत्र और गजेंद्र का पुष्प गृहण किया। भगवान ने काल रुपी मकर से भक्त गजराज की रक्षा की तो द्रौपदी के पुकार पर उसका संकट मिटाने स्वयं दौड़े चले आए।
यह सारी कथाएं ये प्रमाणित करती हैं कि भक्तों के भाव से सदा बंधे रहने वाले भगवान भक्तों के साथ अपना स्नेह निभाने खुद आते हैं। वे सिर्फ यह कभी नहीं चाहते कि उसके भक्त के पास अहंकार रहे। अपने भक्त से ये भी कहते हैं कि मुझे, वो वस्तु अर्पित कर, जो मैंने तुझे कभी नहीं दी। ऐसी कोई वस्तु जो मैंने तुझे नहीं दी, वह अहंकार है। यह मैंने तुझे नहीं दिया, बल्कि तूने खुद इसे अपने भीतर तैयार किया है। शुक्रवार को भगवान की बाल लीलाओं के वर्णन के साथ गिरीराज पूजन और छप्पन भोग लगेगा। मुख्य यजमान ममता बालमुकुंद तिवारी जमुनिया हजारी ने सभी से कथा श्रवण करने का आग्रह किया है।
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