पीडि़त युवतियों ने बताया कि मुझे लगा था कि मेरा जीवन संवर जाएगा, लेकिन यह मेरी सबसे बड़ी गलती थी। आरोपियों ने प्यार और नौकरी का झांसा दिया, लेकिन सच्चाई सामने आने पर मैं एक बंद कमरे में कैद हो गई। न घर जा सकती थी, न किसी से मदद मांग सकती थी। मेरी जिंदगी जैसे थम-सी गई थी, लेकिन फिर पुलिस आई और मुझे इस नरक से बाहर निकाला।यह दमोह के देहात थाना क्षेत्र की एक युवती की आपबीती है। जिसे सोशल मीडिया के जरिए एक युवक ने प्रेम और नौकरी का झांसा देकर अपने साथ भगा लिया था। लेकिन जब हकीकत सामने आई, तो वह चारदीवारी में कैद होकर रह गई। यह सिर्फ एक लड़की की कहानी नहीं, बल्कि उन सैकड़ों मासूम किशोरियों की हकीकत है, जो सोशल मीडिया पर मीठे बोलों में फंसकर अपना जीवन बर्बाद कर बैठती हैं।
सोशल मीडिया से दोस्ती, फिर फंसाया पीडि़ता ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि उसकी दोस्ती सोशल मीडिया पर एक युवक से हुई। धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और युवक ने भरोसे में लेकर उसे महानगर बुला लिया। वहां पहुंचने के बाद उसे पता चला कि युवक का इरादा कुछ और ही था। उसने युवती को जबरन एक कमरे में कैद कर लिया, फोन छीन लिया और बाहर निकलने पर रोक लगा दी। इस दौरान घरवालों ने युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस और साइबर टीम ने लोकेशन ट्रेस कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और युवती को बचा लिया। अब वह घर लौट आई है, लेकिन उसकी आंखों में पछतावे के आंसू हैं।
गुमशुदगी के मामलों में साइबर टीम के सहयोग से अच्छी सफलताएं मिलीं हैं। सोशल मीडिया पर अजनबियों से सतर्क रहें। नौकरी या अच्छे भविष्य के नाम पर बहकावे में आने से पहले सोचें कि कहीं यह जाल तो नहीं।
– श्रुतकीर्ति सोमवंशी, एसपी दमोह