सीएमओ राजेंद्र खरे के खिलाफ नगर पालिका परिषद के आकस्मिक सम्मेलन में शुक्रवार को प्रस्ताव पारित कर नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 89(2) के अंतर्गत पद से हटाए जाने एवं 86 (5) के तहत स्थानांतरित किए जाने का प्रस्ताव 6 के मुकाबले 8 मतों से पारित किया है। शुक्रवार को आयोजित सामान्य सभा की बैठक में नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रशांत पाठक नीलू ने सीएमओ राजेंद्र खरे की पदस्थापना के बाद लगातार की गई परिषद के निर्णय की अवहेलना नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार व शासन द्वारा लागू की गई नागरिक सेवाओं में सीएमओ द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने को लेकर बिंदुवार ब्यौरा प्रस्तुत किया। परिषद से अनुरोध किया की परिषद के निर्णयों की अवमानना करने वाले सीएमओ को या तो पद से हटाया जाए या फिर हटा से अनियंत्रित स्थानांतरित किया जाए।
नगर पालिका उपाध्यक्ष श्री पाठक द्वारा रखे गए इस प्रस्ताव पर सदस्यों के बीच मत विभाजन की स्थिति आई और हाथ उठाकर जब इस प्रस्ताव पर सहमति की ली गई तो आठ सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में हाथ उठाए। जबकि अन्य 6 सदस्यों ने पर्ची द्वारा मत डालकर सदस्यों के मत जानने की सलाह दी। परिषद के बीच कई बार तनातनी की स्थिति हुई।
चंडीजी वार्ड पार्षद देवेंद्र राय व हजारी वार्ड पार्षद हेमलता ताम्रकार ने मत विभाजन के लिए पर्ची के द्वारा निर्णय किए जाने की मांग की, लेकिन अध्यक्ष द्वारा ऐसे किसी प्रक्रिया से साफ इनकार कर हाथ उठाकर ही निर्णय करने की अनुमति दी। इस प्रकार सीएमओ राजेंद्र खरे के खिलाफ पद से पृथक करने या अनियंत्रित ट्रांसफर करने का परिषद का प्रस्ताव बहुमत से पारित कर दिया। प्रस्ताव पारित होने के बाद एक और मजेदार स्थिति निर्मित हुई नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र खटीक ने पारित हुए प्रस्ताव की प्रमाणित प्रति सीएमओ खरे से मांगी तो, उन्होंने कापी देने से इनकार करते हुए कहा कि जिसको भी परिषद की प्रस्ताव की काॅपी चाहिए वह सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त करें।
नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र खटीक ने सीएमओ के रवैये का प्रतिकार करते हुए कलेक्टर एवं संयुक्त संचालक नगरी कल्याण विभाग को सूचित किया। सामान्य सभा की बैठक में पार्षदों की मौजूदगी रही। वहीं गांधी वार्ड के पार्षद गौतम अहिरवार और विधायक प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे।