महिला ने बताया कि पहले डिजिटल अरेस्ट करने कहा गया। इसके बाद वॉट्स एप पर एक कॉल आई। जिसमें पुलिस अधिकारी की फोटो लगी थी। कॉल रिसीव करते हुए हैदराबाद पुलिस थाना दिखाया गया। साथ ही पुलिस अधिकारी ने मुझसे बात की और उसके नंबर से हुए अवैध कार्यों, एफआइआर की जानकारी दी। साथ ही अरेस्ट करने की बात कही। उनके द्वारा मांगे गए डॉक्यूमेंट भी उसने भेज दिए थे। अब महिला के साथ ठगी होना थी, लेकिन इसके पहले ही परिजनों ने सायबर की मदद से उसे बचा लिया।
सायबर सेल हेड कांस्टेबल राकेश अठ्या ने बताया कि जानकारी मिलते ही वह पीडि़त के घर पहुंच गए थे। जहां बड़ी मुश्किल से महिला को समझा पाया। वह बहुत डर गई थी। मेरे सामने भी फ्रॉड के कॉल आ रहे थे, जिसे ब्लेक लिस्ट कराया गया। साथ ही ऐसे कॉल नहीं लेने की सलाह दी गई। महिला और उसके परिजनों ने किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने की बात कही। जिससे प्रकरण दर्ज नहीं हो सका है।
प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे सायबर अपराध को रोकने पत्रिका रक्षा कवच अभियान चला रहा है। जिसे पढ़कर लोग जागरुक हो रहे हैं। लोगों को चाहिए कि वह ऐसे कॉल न लें। जागरुक रहें और इस तरह की ठगी से बचें।