CG News: मोबाइल और इंटरनेट का लिया सहारा
साक्षी, जो एक कॉमर्स ग्रेजुएट और बीबीए डिग्रीधारी हैं, ने कोविड लॉकडाउन के दौरान एक बड़ा निर्णय लिया। चारदीवारी के भीतर बंद जिंदगी ने साक्षी को कुछ हटकर करने की प्रेरणा दी। परिवार से चर्चा के दौरान उन्होंने
पायलट बनने की अपनी इच्छा जाहिर की। परिवार ने न केवल उनका समर्थन किया, बल्कि उन्हें प्रेरित भी किया।
साक्षी ने अपने इस सपने को साकार करने के लिए मोबाइल और इंटरनेट का सहारा लिया। उचित प्रशिक्षण संस्थान की खोज के बाद उन्होंने हैदराबाद के विंग्स एविएशन बेगमपेट प्रशिक्षण केंद्र में दाखिला लिया। साक्षी ने दो साल तक कड़ी मेहनत की और 200 घंटे की उड़ान का प्रशिक्षण पूरा किया। इसके साथ ही उन्होंने पायलट का प्रमाणपत्र हासिल किया। गीदम वापस लौटने के बाद साक्षी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कुछ अलग करने का जुनून ही सफलता की गारंटी है।
गीदम की बेटियां दे रही नई पहचान
साक्षी की उपलब्धि ने गीदम को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। इससे पहले भी गीदम की बेटियों ने आईएएस, आईएफएस और सीए जैसे क्षेत्रों में सफलता हासिल कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। साक्षी की सफलता इस बात का सबूत है कि छोटे नगरों की बेटियां भी बड़े-बड़े कीर्तिमान स्थापित कर सकती हैं।
साक्षी सुराना की इस उपलब्धि ने न केवल गीदम बल्कि पूरे
संभाग को गर्व करने का एक और अवसर दिया है। उनके जुनून और मेहनत ने युवाओं के लिए प्रेरणा का नया अध्याय लिखा है।
परिवार का सपना हुआ साकार
CG News: साक्षी के पिता जवाहर सुराना ने अपनी बेटी की सफलता पर गर्व व्यक्त किया। उनकी माता ने भावुक होकर कहा, कोविडकाल का यह संकल्प हमारी बिटिया ने पूरा कर दिखाया। आज उसकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा केवल महानगरों तक सीमित नहीं है। छोटे से नगर गीदम में भी बड़े सपने देखे और पूरे किए जा सकते हैं।