बैलाडीला लौह नगरी में 41 दिनों तक चलने वाली अय्यप्पा पूजा की धूम, श्री राघव मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
Shri Raghav Mandir: धर्मकर्म: केरल राज्य से आये विशेष पुजारियों ने की कठिन तपस्या और पूजा अर्चना, गुड़ चावल का भगवान को प्रसाद चढ़ाया है। भक्तों के लिए महाभण्डारे का आयोजन किया गया।
Shri Raghav Mandir: बैलाडीला लौह अयस्क की पहाड़ियों के नीचे श्री राघव मंदिर परिसर में स्वामी अय्यप्पा भगवान की पूजा अर्चना केरल राज्य के लोग विगत कई वर्ष से धूमधाम से करते आ रहे है। इस वर्ष भी अय्यप्पा सेवा समिति द्वारा भव्य आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बुधवार को विधिविधान के साथ एनएमडीसी मुख्य महाप्रबंधक संजीव साही द्वारा पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात सभी भक्तगण नगर परिवार को भोजन करवाया गया महाभण्डारे में हज़ारों लोग शामिल हुए और प्रसाद ग्रहण किया।
केरल से आते हैं विशेष पुजारी: लौह नगरी किरंदुल में भगवान अय्यप्पा की इकचालीस दिवसीय विशेष आराधना का पर्व स्थानीय राघव मंदिर में धूम धाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान विशेष तौर पर केरल राज्य से पुजारियों को आमंत्रित किया गया है जो शुबह शाम भगवान अय्यप्पा की विशेष आराधना में लगे हैं। इस दौरान पुरे मंदिर परिसर में आकर्षक साज सज्जा भी की गयी है जिससे भक्तों का ताँता लगा हुआ है।
Shri Raghav Mandir: इस दौरान प्रतिदिन गणपति होमम, अर्चना, पुष्पांजलि आदि पूजा किया जा रहा है बताया जा रहा है कि 26 दिसम्बर को विशेष पूजा के उपरान्त मंदिर के पट बन करदिये जायेंगे जो अगले वर्ष मकर संक्रांति के दिन पुन: खोले जायेंगे। इस दौरान नगर में काले वस्त्र धारण किये भक्त भी देखे जा सकते हैं जो भगवान अय्यप्पा के बताये व्रत और संयम का पालन करते हुए केरल के शबरीमला स्थित मंदिर में दर्शनार्थ पंहुचेंगे मान्यता है कि जब भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था तो भगवान शिव उनपर मोहित हो गए थे, जिस कारण अयप्पा का जन्म हुआ। भगवान शिव और विष्णु जी का पुत्र होने के कारण अयप्पा स्वामी को हरिहरपुत्र हर- भगवान शिव और हरि-भगवान विष्णु भी कहा जाता है।
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