बता दें कि दौसा का सरगना हर्षवर्धन मीणा अभी जेल में बंद है। आरोपी के खिलाफ 6 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है। जेईएन भर्ती परीक्षा 2020 में नकल कराने और डमी कैंडिडेट बिठाने के मामले में एसओजी की एसआईटी ने आरोपी हर्षवर्धन को पिछले साल नेपाल बॉर्डर से अरेस्ट किया था। तब से आरोपी जेल में है।
सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का दिख रहा असर
एसओजी-एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक वीके सिंह ने बताया कि पेपर लीक मामलों में राजस्थान सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का असर दिख रहा है। पेपर लीक मामलों में लिप्त राज्यकर्मियों को बर्खास्त कर सरकार सख्त संदेश दे रही है। अब पटवारी भर्ती मामले में दौसा के सरगना हर्षवर्धन को राज्यसेवा से बर्खास्त किया गया है। एसआई भर्ती परीक्षा में लिप्त 86 राज्यकर्मियों को बर्खास्त एवं सेवा से हटाया किया जा चुका है। शेष 189 राज्यकर्मियों के विरूद्ध विभागीय जांच प्रक्रियाधीन हैं।
हर्षवर्धन की पत्नी पहले ही बर्खास्त
इससे पहले हर्षवर्धन मीणा की पत्नी सरिता मीणा को तत्कालीन भीलवाड़ा कलक्टर नमित मेहता ने बर्खास्त किया था। सरिता ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में खुद की जगह डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण की थी। हर्षवर्धन ने पेपर लीक कराकर बनाई करोड़ों की संपत्ति
बता दें कि पिछले साल दौसा व महुवा में एसओजी ने पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन पटवारी के ठिकानों पर दबिश दी थी। इस दौरान पौने चार करोड़ से अधिक की सम्पत्ति चिह्नित की गई थी। यानी पटवारी हर्षवर्धन ने पेपर लीक कराकर करोड़ों की संपत्ति बनाई थी। इसके बाद एसओजी ने आरोपी हर्षवर्धन की 17 संदिग्ध संपत्तियों की लिस्ट जारी की थी। इनमें सबसे ज्यादा प्रोपर्टी 10 साल में खरीदी गई थी।
लिस्ट के अनुसार जयपुर जगतपुरा में बंगला करीब 65 लाख, गोवर्धन वाटिका में 1100 गज का प्लाट 65 लाख, 1000 गज का प्लाट 50 लाख व 200 गज का प्लाट 14 लाख, रोथड़ा महुवा में 250 वर्ग गज का प्लाट 18 लाख, सालिमपुर महुवा में मकान 10 लाख, महुवा टीकरी रोड पर चार दुकान 32 लाख, छोकरवाड़ा भुसावर भरतपुर में पौने दो बीघा जमीन 51 लाख, सालिमपुर महुवा में 18 बिस्वा जमीन 8.50 लाख, रेलवे स्टेशन लालसोट के पास 9 बीघा जमीन में हिस्सा करीब 50 लाख, भाई के नाम कार 10.70 लाख, टैंट व्यवसाय में हिस्सेदारी 9 लाख, बाइक 50 हजार, ट्रैक्टर 3.50 लाख, सोने-चांदी के जेवरात करीब 8 लाख के हैं।