कल्याण के लिए यज्ञ की अग्नि में समर्पण
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने यज्ञ की महत्ता पर बोलते हुए कहा कि यह कोई साधारण धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि तप, साधना और सेवा का दिव्य संगम है, जो संपूर्ण सृष्टि के कल्याण की भावना से ओतप्रोत है। इस यज्ञ के माध्यम से समाज में समरसता, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। उनके साथ आनंद आश्रम के संत शोभानंद भारती (मोनी बाबा) सहित अनेक संत-महात्माओं ने यज्ञ में भाग लिया और आहुति अर्पित की। मंत्रोच्चार, वैदिक विधि और हवन की अग्नि के बीच पूरा क्षेत्र आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत हो उठा।
श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
यज्ञ के समापन समारोह में लाखों श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। हवन, पूजन और आहुति अर्पण करते हुए उन्होंने पुण्य अर्जित किया और दिव्य वातावरण में आत्मिक शांति का अनुभव किया। भक्तों की श्रद्धा और समर्पण ने आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया।
रविवार को होगा विशाल भंडारा
यज्ञ समापन के उपरांत रविवार को विशाल भंडारा और प्रसादी वितरण का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। आयोजन समिति ने सभी भक्तों से भंडारे में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की है।
सामाजिक समरसता का दिया संदेश
आयोजकों के अनुसार, यह महायज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं रहा, बल्कि सामाजिक समरसता, आध्यात्मिक जागरण और लोककल्याण का प्रेरक माध्यम भी सिद्ध हुआ। पूरे क्षेत्र में कई दिनों तक भक्ति और उत्साह का वातावरण बना रहा, जो आगे भी लोगों को सेवा, धर्म और सद्भाव के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहेगा।