गुढ़ाकटला स्थित आश्रम और इनसेट में सीरियल किलर देवेन्द्र (फोटो- पत्रिका)
गुढ़ाकटला/ बांदीकुई। सीरियल किलर देवेन्द्र शर्मा उर्फ डॉक्टर डेथ गुढ़ाकटला स्थित आश्रम में अवैध क्लीनिक का संचालन कर लोगों का उपचार करता था। गारंटी से उनकी बीमारी को सही करने के नाम पर हजारों रुपए ऐंठता था। यहां तक की दवाओं का स्टॉक भी कर रखा था। मरीजों को भर्ती कर ड्रिप-इंजेक्शन भी लगाता था। इसके बावजूद आरोपी के अवैध रूप से चिकित्सक कार्य की ओर चिकित्सा विभाग ने आंखें मूंद रखी थी। आरोपी संत दयादास के रूप से सभी झांसे में आ गए थे तथा उसकी हर बात पर विश्वास करने लगे थे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि डॉक्टर डेथ लोगों की बीमारी दूर करने के नाम पर 20 से 50 हजार तक बतौर पैकेज वसूलता था। उपचार के लिए दवा भी जयपुर से गुढ़ाकटला संचालित बस में दवाएं मंगवाता था। लोगों ने बताया कि रोडवेज बस चालक भी बस को मंदिर पर लाकर रोकते थे और जयपुर से भेजे गए दवा का पैकेट उसे सौंपते थे। इसकी ऐवज में वह उनके रात को मंदिर पर ही सोने एवं जलपान की व्यवस्था करता था।
अनभिज्ञ मरीज इलाज कराने पहुंचे आश्रम
गुरुवार को भी गुढ़ाकटला स्थित आश्रम पर कई लोग उपचार के लिए पहुंचे। इस दौरान सिकन्दरा से अपनी पत्नी के उपचार के लिए आए रामकिशोर ने बताया कि उन्हें पता नहीं था कि उसे दिल्ली पुलिस पकड़कर ले गई है। उसकी पत्नी के कमर व पैर में दर्द था। ऐसे में करीब एक माह पहले दिखाने आने पर 20 हजार 500 रुपए लिए थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जबकि बाबा ने बिना परेशानी के सीढ़ी चढ़ने की बात कही थी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कस्बे के बाहर से भी कई लोग बाबा से उपचार कराने आते थे। अब लोग देवेन्द्र की करतूतों के बारे में जानकर हतप्रभ हैं। गौरतलब है कि डॉक्टर डेथ के नाम से कुयात 50 से अधिक हत्याओं का आरोपी देवेंद्र शर्मा करीब दो वर्ष से गुढ़ाकटला के रामेश्वरधाम मन्दिर में अपनी पहचान छुपा कर रहा था। दो दिन पूर्व दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो सारे राज खुले हैं। देवेन्द्र को पूर्व में क्लिनिक चलाने का अनुभव व आयुर्वेद की पढ़ाई के कारण चिकित्सकीय जानकारी थी। इससे वह लोगों का उपचार के नाम पर अपने जाल में फंसाकर मोटी रकम भी ऐंठता था।
आश्रम के लिए जनता से जुटाए पैसे
सीरियल किलर देवेंद्र शर्मा उर्फ दयादास ने आमजन के सहयोग से मंदिर एवं आश्रम के लिए संसाधन जुटाए एवं रजिस्ट्रेशन करवाकर वृद्धाश्रम खोलने की तैयारी की थी। इसके लिए सामान खरीद लिया गया था। बुधवार शाम स्थानीय बसवा थाना पुलिस ने आश्रम की जांच तो स्थानीय ग्रामीणों में चिंता है कि कहीं सामान जब्त ना कर लिया जाए।
ग्रामीणों ने बताया कि गुढ़ाकटला में वृद्धाश्रम के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी। दयादास के आने के बाद यह तैयारी और तेज हो गई। वृद्धाश्रम के लिए 10-15 लाख रुपए की उगाई की थी। इससे वृद्धाश्रम में आवश्यक संसाधनों को खरीद कर तैयार किया जा रहा था। वृद्धाश्रम संचालन के लिए एक समिति का गठन कर उसका रजिस्ट्रेशन भी कराया गया था।
देवेंद्र शर्मा के पकड़े जाने के बाद अब पुलिस कहीं आश्रम को बंद ना कर दे, इसको लेकर ग्रामीणों में विरोध के स्वर उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि सारे संसाधन आमजन के सहयोग से खरीदे गए थे। इनमें देवेंद्र शर्मा की राशि नहीं है।
गुढ़ाकटला में साधु के वेश में रह रहे व्यक्ति के अवैध रूप से क्लिनिक चलाने के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। इस मामले को दिखवाया जाएगा। -डॉ. एलएस गुप्ता, बीसीएमओ बसवा
साधु के वेश में रह रहा व्यक्ति दिल्ली पुलिस का मुलजिम था। ऐसे में वे आरोपी को पकड़कर ले गए। पुलिस में इस तरह की कार्रवाई होती रहती है। रोहिताश देवंदा, पुलिस वृत्ताधिकारी बांदीकुई