जानकारों के अनुसार अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में उछाल बना हुआ था। बाजार जब तक स्थिर नहीं होगा, कीमतों में वृद्धि देखने को मिलेगी। इसके अलावा ग्लोबल इकॉनोमी की हालत अभी सही नहीं हैं। डॉलर इंडेक्स कई सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सुरक्षित निवेश के रुप में सोने की डिमाण्ड बढ़ गई है। इसके अलावा केन्द्रीय बैंकों द्वारा की जा रही सोने की खरीदारी की जा रही है।
इससे सोना और चांदी रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। सोने की बढ़ी कीमतों ने किसान व मध्यम वर्ग का बजट बिगाड़ दिया। आर्थिक रूप से सक्षम लोग सोना अपनी आरक्षित पूंजी बढ़ाने के लिए खरीदते हैं तो उन्हें भाव बढऩे से फायदा ही होगा, लेकिन मध्यम वर्ग व किसान वर्ग शादी व मायरा के लिए सोने के आभूषण बनवाते हैं। अब दाम बढऩे से उनका बजट गड़बड़ा रहा है।
जेब टटोलने को मजबूर ग्राहक
सोने की नई कीमत सुनकर ग्राहक सदमे में हैं। इस माह के आखिरी में अक्षय तृतीया है। सैकड़ों शादी-विवाह होने हैं। महंगाई के चलते विवाह के लिए आयोजन जरूरत के आभूषण ही खरीद रहे हैं। वहीं अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीद करने की परंपरा रही है। नई कीमत को देख लोग सोना खरीदने से पहले अपनी जेब टटोलने को मजबूर है। अगर बाजार में इसी तरीके से मजबूती बनी रही तो अक्षय तृतीया पर लोगों का बजट भी गड़बड़ा सकता है। दाम कम होना जरूरी
सोने-चांदी के भाव आशा से विपरीत बढ़ गए हैं। अभी सावों का समय है और सोने-चांदी के आभूषण खरीदने हैं। ऐसे में दाम कम होना जरूरी है। यह भी डर रहता है कि कहीं महंगे भाव में खरीद लें और बाद में सस्ता हो जाए। कीमतों में स्थिरता नहीं है, प्रतिदिन बदलाव हो रहा है।
महेश शर्मा, शहरवासी लंबे समय से सोने-चांदी की कीमतों में रिकार्ड तोड़ तेजी हुई है। इससे शादी-समारोह की ग्राहकी पर असर पड़ रहा है। बंपर खरीद की जगह लोग आवश्यकता के अनुसार ही आभूषण खरीद रहे हैं। कीमतों में उथल-पुथल अमरीका के टैरिफ वार के चलते हो रहा है।
अमित आकड़, ज्वैलर