ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को दोपहर 12:12 मिनट पर होगी। वहीं कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 21 जुलाई को सुबह 09:38 मिनट पर होगा। अत: 21 जुलाई को कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) मनाई जाएगी। कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनना यज्ञ करने के समान है। इस व्रत के बारे में ब्रह्माजी ने देवर्षि नारद को बताया कि पाप से भयभीत मनुष्यों को कामिका एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए।
एकादशी व्रत से बढ़कर पापों के नाशों का कोई उपाय नहीं है। स्वयं प्रभु ने कहा है कि कामिका व्रत (Kamika Ekadashi Vrat) से कोई भी जीव कुयोनि में जन्म नहीं लेता। जो इस एकादशी पर श्रद्धा-भक्ति से भगवान विष्णु को तुलसी पत्र अर्पण करते हैं, वे इस समस्त पापों से दूर रहते हैं। पुराणों में कहा गया है कि इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली इस एकादशी पर भगवान विष्णु को तुलसी पत्र चढ़ाने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। इस दिन तीर्थ स्नान और दान से कई गुना पुण्य फल मिलता है।
नीतिका शर्मा ने बताया कि कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) पर शंख, चक्र, गदाधारी भगवान विष्णु का पूजन होता है। भीष्म पितामह ने नारदजी को इस एकादशी का महत्व बताया है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य इस एकादशी को धूप, दीप, नैवेद्य आदि से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, उन्हें गंगा स्नान के फल से भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है। इस एकादशी की कथा सुनने से ही वाजपेय यज्ञ का फल मिल जाता है। भीष्म कहते हैं कि व्यतिपात योग में गंडकी नदी में और सूर्य-चन्द्र ग्रहण के दौरान स्नान करने से जितना पुण्य मिलता है। उतना ही महापुण्य सावन महीने में आने वाली कामिका एकादशी पर व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से मिल जाता है। इस दिन तुलसी पत्र से भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विधान बताया गया है।
कामिका एकादशी पर क्या चढ़ाएं? जानिए अपनी राशि के अनुसार (What to offer on Kamika Ekadashi? Know According to your zodiac sign)
मेष राशि: अगर आपकी राशि मेष है तो इस दिन भगवान विष्णु को गुलाब का फूल चढ़ाएं। इससे आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। वृषभ राशि: इस दिन दूध से बनी मिठाई श्री हरि को चढ़ाएं। आपकी मेहनत का मीठा फल जरूर मिलेगा। मिथुन राशि: भगवान विष्णु को तुलसी का पत्ता अर्पित करें। इससे मन को शांति और शुभ फल मिलते हैं।
कर्क राशि: इस खास दिन धनिया की पंजीरी का भोग नारायण को लगाएं। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। सिंह राशि: भगवान विष्णु को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) अर्पित करें। करियर और सेहत दोनों में फायदा होगा।
कन्या राशि: इस दिन श्री हरि को मोर पंख चढ़ाएं। ये नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। तुला राशि: अगर आप तुला राशि के हैं तो भगवान को कौड़ी चढ़ाएं। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
वृश्चिक राशि: इस दिन रोली (कुमकुम) नारायण को अर्पित करें। घर में शुभता और सकारात्मकता बनी रहेगी। धनु राशि: भगवान विष्णु को पीले रंग के कपड़े चढ़ाएं। इससे सौभाग्य और तरक्की मिलेगी।
मकर राशि: इस पावन दिन शमी का पत्ता विष्णु भगवान को अर्पित करें। पुराने अटके काम बनने लगेंगे। कुंभ राशि: इस दिन भगवान को हल्दी चढ़ाएं। ये शुभता और समृद्धि लाने वाला उपाय है।
मीन राशि: भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें। जीवन में स्थिरता और सुख मिलेगा।
कामिका एकादशी एकादशी तिथि (Ekadashi Date Of Kamika Ekadashi)
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को दोपहर 12:12 मिनट पर होगी। वहीं कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का समापन 21 जुलाई को सुबह 09:38 मिनट पर होगा। अत: 21 जुलाई को कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) मनाई जाएगी।
कामिका एकादशी शुभ योग (Kamika Ekadashi Auspicious Yoga)
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि कामिका एकादशी के दिन वृद्धि और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। वृद्धि योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में अपार बढ़ोतरी होगी। साथ ही करियर और कारोबार में भी मनमुताबिक सफलता मिलेगी। इस शुभ अवसर पर रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र का संयोग है। साथ ही बालव, कौलव और तैतिल के संयोग बन रहे हैं।
कामिका एकादशी व्रत का संकल्प (Kamika Ekadashi Vrat)
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि स्कंद पुराण में बताया गया है कि सावन महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी पर व्रत, पूजा और दान से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। लेकिन, जानबूझकर दोबारा कोई पाप या अधर्म नहीं होगा, ऐसा संकल्प भगवान विष्णु के सामने लेने पर ही इसका फल मिलता है। ये व्रत साल की 24 एकादशियों में खास माना गया है।
सावन महीने के दौरान विष्णु पूजा
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि महाभारत और भविष्य पुराण में बताया गया है कि सावन महीने के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इनके अलावा विष्णुधर्मोत्तर पुराण में भी जिक्र है कि सावन महीने में भगवान विष्णु की पूजा और व्रत-उपवास से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता है। पुराणों में कहा गया है कि सावन महीने के दौरान पंचामृत और शंख में दूध भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करने से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
निर्जल व्रत
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि सावन महीने में आने वाली एकादशियों को पर्व भी कहा जाता है। सावन मास में भगवान नारायण की पूजा करने वालों से देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। एकादशी के दिन स्नानादि से पवित्र होने के बाद पूजा का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति की पूजा करना चाहिए। भगवान विष्णु को फूल, फल, तिल, दूध, पंचामृत और अन्य सामग्री चढ़ाकर आठों प्रहर निर्जल रहना चाहिए। यानी पूरे दिन बिना पानी पीए विष्णु जी के नाम का स्मरण करना चाहिए। एकादशी व्रत में ब्राह्मण भोजन एवं दक्षिणा का भी बहुत महत्व है। इस प्रकार जो यह व्रत रखता है उसकी कामनाएं पूरी होती हैं।
गौ दान का पुण्य
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पितामह ने बताया कि पूरे साल भगवान विष्णु की पूजा न कर सकें तो कामिका एकादशी का उपवास करना चाहिए। इससे बछड़े सहित गौदान करने जितना पुण्य मिल जाता है। सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और उपवास करने से सभी देवता, नाग, किन्नर और पितरों की पूजा हो जाती है। जिससे हर तरह के रोग, शोक, दोष और पाप खत्म हो जाते हैं।
कामिका एकादशी का व्रत करने से मिलता है स्वर्ग
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि कामिका एकादशी के व्रत के बारे में खुद भगवान ने कहा है कि मनुष्यों को अध्यात्म विद्या से जो फायदा मिलता है उससे ज्यादा फल कामिका एकादशी का व्रत करने से मिल जाता है। इस दिन व्रत करने से मनुष्य को यमराज के दर्शन नहीं होते हैं। बल्कि स्वर्ग मिलता है। जिससे नरक के कष्ट नहीं भोगने पड़ते।
दीप-दान करने से पुण्य मिलता
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि भीष्म ने नारदजी को बताया कि कामिका एकादशी की रात में जागरण और दीप-दान करने से जो पुण्य मिलता है। उसको लिखने में चित्रगुप्त भी असमर्थ हैं। एकादशी भगवान विष्णु के सामने घी या तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। जो ऐसे दीपक लगाता है उसे सूर्य लोक में भी हजारों दीपकों का प्रकाश मिलता है। ऐसे लोगों के पितरों को स्वर्ग में अमृत मिलता है।