पूजा की सामग्री
- गंगाजल या शुद्ध जल
- बेलपत्र (तीन पत्तियों वाला)
- दूध और दही
- शुद्ध घी
- चंदन या भस्म
- धूप और दीप
- अक्षत (चावल)
- फूल, विशेषकर धतूरा और आक के फूल
- फल और मिठाई शिव पूजा विधि
स्नान और स्वच्छता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। स्वच्छ कपड़े पहनें और शांत मन से पूजा स्थल तैयार करें।
शिवलिंग का अभिषेक करें: भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल, दूध, दही, शुद्ध घी और शहद से करें। इसे पंचामृत कहते हैं। इसके बाद साफ जल से शिवलिंग को धोएं। बेलपत्र अर्पित करें: शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें। ध्यान रखें कि बेलपत्र शुद्ध हो और उसमें कोई छेद न हो।
धूप और दीप जलाएं: भगवान शिव के सामने धूप और दीप जलाकर उनकी आरती करें। मंत्र जप: शिव मंत्रों का जाप करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जप करें। यह मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी माध्यम है।
भोग लगाएं: भगवान शिव को फल, मिठाई और पंचामृत का भोग अर्पित करें। आरती: भगवान शिव की आरती गाएं और उन्हें प्रणाम करें। अंत में अपनी इच्छाओं को व्यक्त करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
पूजा का दिन: सोमवार और प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायीहोती है। शिवरात्रि पर की गई पूजा से भी अत्यधिक लाभ मिलता है।
शिव पूजा का महत्व
भगवान शिव की पूजा से जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह पूजा न केवल मनोकामनाओं को पूरा करती है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी प्रदान करती है।