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बैंक प्रबंधक पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन की राशि आहरण करने के आरोप

लोन स्वीकृति के लिए दो लाख नगद और ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से पैसे लेने की शिकायतबजाग. नगर में स्थित बैंक के मैनेजर पर दंपत्ति ने बिचौलिए के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन स्वीकृत कर राशि आहरण करने के आरोप लगाए हंै। इसकी शिकायत पीडि़त दंपत्ति ने बजाग थाना में की है। पीडि़त […]

डिंडोरीApr 09, 2025 / 05:20 pm

Prateek Kohre

लोन स्वीकृति के लिए दो लाख नगद और ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से पैसे लेने की शिकायत
बजाग. नगर में स्थित बैंक के मैनेजर पर दंपत्ति ने बिचौलिए के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन स्वीकृत कर राशि आहरण करने के आरोप लगाए हंै। इसकी शिकायत पीडि़त दंपत्ति ने बजाग थाना में की है। पीडि़त परिवार का कहना है कि उन्होंने लोन के लिए ऑन लाइन आवेदन जरूर किया था, लेकिन लोन कब स्वीकृत हो गया, इसकी उन्हे कोई जानकारी नहीं है। बैंक से जब किस्त जमा करने के लिए फोन आया और कहा गया एमआई भरो नहीं तो थाना में एफ आईआर की जाएगी। यह सुनकर उनके होश उड़ गए। पीडि़त दंपत्ति ने शिकायत करते हुए मामले की जांच कर न्याय दिलाए जाने की मांग की है। जानकारी के अनुसार ग्राम मानगढ़ निवासी राजेश्वरी मरावी ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसने पीएमजीपी योजना के तहत वर्ष 2023 में वेल्डिंग वर्कशॉप का व्यवसाय करने के लिए ऑन लाइन आवेदन किया था। आवेदन की स्वीकृति एवं लोन पास कराने के लिए स्थानीय ब्रांच के बैंक में पदस्थ प्रबंधक ने उससे लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की मांग की। आवेदक ने अपनी माली हालत का जिक्र करते हुए पैसे देने में असमर्थता जताते हुए लोन लेने से इनकार कर दिया था। मैनेजर ने हितग्राही पर दबाव बनाते हुए कहा कि आपने ऑन लाइन आवेदन किया है। आपको लोन लेना ही पड़ेगा। हितग्राही ने बताया कि उसने मजबूर होकर गांव में ही पहचान वाले से दो लाख रुपए उधार लेकर 27 सितंबर 2023 को बैंक में जाकर प्रबंधक की टेबल में जाकर दिए, जिसे प्रबंधक ने रख लिए। हितग्राही ने बताया कि रुपए देते समय गांव का ही एक और व्यक्ति मौजूद था। बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में उस दृश्य की जांच की जा सकती है। इसके बाद भी शेष रुपयों के लिए बैंक प्रबंधक बार बार फोन करता रहा, तथा नहीं देने पर एफ आई करने की धमकी दी। इसके बाद उसने ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से 9 मार्च 2024 को 1200 रुपए का ट्रांजेक्शन किया। इसके बाद भी शेष रुपए की मांग करने पर हितग्राही ने लोन लेने से साफ इनकार कर दिया। लोन स्वीकृति के लिए बैंक प्रबंधक ने हितग्राही से कोटेशन बिल भी मांगा, जिस पर हितग्राही ने बिना बिल्डिंग वक्र्स का समान लिए एवं दुकान की फोटो खिंचाए बिना कोटेशन बिल देने से मना कर दिया। इसके बाद मैनेजर और एक बिचौलिए ने कूट रचना रचते हुए फर्जी कोटेशन बिल के माध्यम से हितग्राही के नाम से 10 लाख रुपए का लोन 15 मार्च 2024 को स्वीकृत कर दिया। इसकी कोई जानकारी उसे नहीं दी गई। लोन की राशि आठ लाख रुपए 18 जुलाई को उसके खाते में एक मिनट के लिए आना दर्शाया गया, तुरंत बाद निधि अंतरण के जरिए दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दी गई। हितग्राही के मोबाइल पर राशि प्राप्ति का मैसेज आने पर उसने बैंक मैनेजर से इस संबंध में जानकारी ली, तब प्रबंधक ने कहा कि फर्जी मैसेज आते रहते है ध्यान नहीं देना। हितग्राही ने बताया कि मार्च महीने में प्रबंधक ने फोन कर लोन की किस्त जमा करने की बात कही। साथ ही किस्त जमा न करने पर एफ आईआर करने की बात कही गई। प्रबंधक ने बिना कोई नोटिस जारी करते हुए बजाग थाना में लोन की किस्त जमा नहीं करने की शिकायत कर दी। इस संबंध में हितग्राही को थाने में बुलाकर उनके बयान दर्ज किए गए है तथा पीडि़त ने भी बैंक प्रबंधक द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत दर्ज कराते हुए न्याय की गुहार लगाई है।


इनका कहना है


इस संबंध में बैंक के टाइम में आकर पूछ लीजिएगा अभी मैं मीटिंग में हूं।
विजय तिवारी, प्रबंधक सेंट्रल बैंक शाखा बजाग

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