छत्तीसगढ़ के चार जंगली हाथी यहां ग्रामीणों के घरों सहित खेतों को पहुंचा रहे नुकसान
सतर्कता बरतने वन विभाग करा रहा मुनादी, चार दिन से जंगलों में है मूवमेंटडिंडौरी. सामान्य वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र पश्चिम करंजिया के जंगलों में चार दिन से जंगली हाथियों का मूवमेंट बना हुआ है। गुरुवार की रात छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे पंडरीपानी में चकरार नदी पार करके चार हाथी जिले की सीमा में […]
सतर्कता बरतने वन विभाग करा रहा मुनादी, चार दिन से जंगलों में है मूवमेंट
डिंडौरी. सामान्य वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र पश्चिम करंजिया के जंगलों में चार दिन से जंगली हाथियों का मूवमेंट बना हुआ है। गुरुवार की रात छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे पंडरीपानी में चकरार नदी पार करके चार हाथी जिले की सीमा में प्रवेश किए गए हैं। इसके बाद से लगातार जंगली हाथियों का यह झुंड खेतों में रखी फसल के साथ ही घरों में रखे अनाज को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, और घरों को निशाना बना रहे हैं। हाथियों के मूवमेंट से धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इनके लगातार मूवमेंट से ग्रामीणों को भी खतरा बना हुआ है। हाथियों के आमद की सूचना मिलते ही वन विभाग लोगों को अलर्ट करने में जुटा हुआ है। जानकारी के अनुसार हाथियों का यह झुंड पश्चिम करंजिया रेंज के बोयरहा के जंगलों में डेरा जमाएं हैं। शनिवार की देर रात बोयरहा के कक्ष क्रमांक 392 से जंगली हाथियों ने अम्हादादर में ग्रामीणों के घरों में तोड़ फोड़ की और और खेत खलिहान में पहुंच धान की फसल को निवाला बनाया। ग्रामीणों के मुताबिक हाथियों के समूह ने शनिवार रात 9 बजे गांव और खेतों की ओर रुख किया और देर रात 3 बजे तक उत्पात मचाया। इस दौरान ग्रामीण संत कुमार पट्टा, जयसिंह मरकाम, लमिया बाई के घरों को हाथियों ने निशाना बनाकर अंदर रखें अनाज, कोदो कुटकी को नुकसान पहुंचाया है। इसके पूर्व शुक्रवार की रात ग्राम केन्द्रा बहरा के नौ किसान चैतू सिंह, पंडा सिंह, राम प्रसाद सिंह, फूल सिंह, चैन सिंह, सुखन बाई, मचगार सिंह, मोहतु सिंह, कुंजन सिंह सहित अन्य ग्रामीणों की धान की फसल को भी चट कर दिया था। हाथी दल बोयहरा, खम्हार खुदरा, अम्हादादर, देवतराई नाला के साथ किंदराबहरा दोमुहानी के क्षेत्र में डेरा डाल रखा है। हाथियों के मूवमेंट के चलते वन अमले ने एहतिहात बरतते हुए मुनादी शुरू कर दी है और ग्रामीणों को रात में अकेले निकलने और जंगलों से दूर रहने की नसीहत दे रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित किसानों को मुआवजा के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।
तीन लोगों की हो चुकी है मौत
जिले में जंगली हाथी खेतों, घरों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही इंसानों को भी निशाना बनाया है। 2016 से 2022 तक तीन ग्रामीणों को कुचलकर मौत के घाट उतार चुके हैं। इनमें अमरपुर के घेवरी गांव के भर्रा टोला में 2016 में पंचम पिता नन्नू, डिंडौरी वन परिक्षेत्र के वासीदेवरी में 24 मई 2022 को कमलावति पिता प्रताप धार्वे 45 साल और पश्चिम करंजिया अंतर्गत किंदराबहरा वन ग्राम में 11 अक्टूबर 2022 को दिव्यांग नंदू पिता इतवारी बैगा 50 साल की हाथियों के हमले में मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य लोग घायल हुए थे।
कई सालों से आ रहे जंगली हाथी
छत्तीसगढ़ से जंगली हाथियों का जिले की सीमा में मूवमेंट का सिलसिला पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है। पूर्व करंजिया वन परिक्षेत्र के चौरादादर, पश्चिम करंजिया रेंज के पंडरीपानी, चकरार और डिंडौरी वन परिक्षेत्र में जोल्हा नदी पार कर बसनिया के जंगलों के रास्ते वनराज जिले में आमद देते रहे हैं। हाथियों का यह परिवार जिले में एक कॉरिडोर स्थापित कर चुका है और अपने परंपरागत रास्ते से होते हुए कान्हा और बांधवगढ़ पहुंचते हैं। चार सदस्यीय हाथी दल भी पुराने परिवार का हिस्सा है।
इनका कहना है
ग्रामींणों को सतर्क किया जा रहा है । एहतिहात के तौर पर वन अमला चौकसी कर रहा है। वनग्रामों में मुनादी कराके लोगों को जंगल से दूर रहने और रात में अकेले नही निकलने की सलाह दी जा रही है। क्षेत्र में लगातार गस्त की जा रही है। प्रभावित किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा कार्रवाई सतत चल रही है।
सुरेंद्र सिंह जाटव, उपवन मंडल अधिकारी सामान्य वन मंडल डिंडौरी
Hindi News / Dindori / छत्तीसगढ़ के चार जंगली हाथी यहां ग्रामीणों के घरों सहित खेतों को पहुंचा रहे नुकसान