पारंपरिक हाइड्रो और तापीय बिजली के अलावा सरकार ने सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कुसुम योजना, पीएम सूर्योदय सहित कई योजनाएं चालू की हैं। आमजन में सौर ऊर्जा उत्पादन के प्रति जागरुकता बढ़ी है। लेकिन इसका दायरा अभी भी सीमित है।
डिस्कॉम पर ही सर्वाधिक निर्भरता अजमेर डिस्कॉम के 17 जिलों में करीब 54 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं। इनमें ग्रामीण और शहरी के कनेक्शन शामिल हैं। इनमें से 43 लाख से ज्यादा घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ता पूरी तरह डिस्कॉम की बिजली पर ही निर्भर हैं।
20 प्रतिशत घरों में सौर पैनल डिस्कॉम के अजमेर सहित 17 जिलों में 20 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों में भी रूफ टॉप सौर पैनल नहीं लगे हैं। उपभोक्ताओं में सौर ऊर्जा उत्पादन का लेकर ज्यादा रुचि नहीं है। कृषि उपभोक्ताओं में भी 60 प्रतिशत उपभोक्ता डिस्कॉम की बिजली पर निर्भर हैं।
अजमेर डिस्कॉम अजमेर डिस्कॉम के अधीन 17 जिले हैं। इनमें अजमेर, भीलवाड़ा चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, उदयपुर, नागौर, डीडवाना, कुचामन, ब्यावर, केकड़ी, शाहपुरा और अन्य शामिल हैं। करीब 60 लाख उपभोक्ता इससे जुड़े हैं। इसके अलावा राजस्थान में जयपुर विद्युत वितरण निगम और जोधपुर विद्युत वितरण निगम है। राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम पावर जनरेशन और वितरण का काम करता है।
हर साल बढ़ रही डिमांड साल 2014-15 में औसतन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 450 लाख यूनिट खपत थी। यह दस साल में बढ़कर 725 लाख यूनिट पहुंच चुकी है। उपभोक्ताओं के साथ हर साल बिजली की डिमांड 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ रही है।
पीएम सूर्यघर योजना में सब्सिडी औसत मासिक बिजली खपत (यूनिट) उपयुक्त छत सौर संयंत्र क्षमता सब्सिडी सहायता0-150 1-2 किलोवाट 30 से 60 हजार150-300 2-3 किलोवाट 60 से 78 हजार300 3 किलोवाट से ऊपर 78 हजार
कुसुम योजना केन्द्र व राज्य सरकार किसानों को खेतों में सोलर पम्प लगाने पर 60 प्रतिशत अनुदान देती है। 30 प्रतिशत अंशदान केंद्र और 30 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करती है। यह हैं लोगों में भ्रांतियां-परेशानी
-सौर प्लेट खराब होने पर मेंटेनेंस खर्च -बैटरी खराब होने पर मेंटेनेंस खर्च-40 प्रतिशत घरों में पैनल के लिए नहीं स्पेस -डिस्कॉम का बिजली कनेक्शन लेना आसान-सौर पैनल पर खर्चा 30 हजार से 1.50 लाख तक
-जब अनिवार्यता नहीं तो कनेक्शन क्यों लें कनेक्शन डिस्कॉम की बिजली पर उपभोक्ताओं की निर्भरता अधिक है। लेकिन कोयले और पानी की कमी लगातार हो रही है। सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है। लोगों में जागरुकता बढ़ाना जरूरी है।प्रो.सुब्रोतो दत्ता, पर्यावरण विज्ञान विभाग, मदस विवि.
डिस्कॉम में विभिन्न पदों पर हुई पदोन्नति अजमेर. अजमेर डिस्कॉम में विभागीय पदोन्नति ( डीपीसी ) के तहत अभियंताओं व लेखाधिकारियों को पदोन्नति हुई है। इसके तहत 9 अधिशासी अभियंता (ईएंडएम) को अधीक्षण अभियंता, 1अधिशासी अभियंता (सिविल) को अधीक्षण अभियंता (सिविल ) तथा 1 वरिष्ठ लेखाधिकारी को मुख्य लेखाधिकारी पद पर पदोन्नत किया गया है। प्रबंध निदेशक के.पी. वर्मा और संयुक्त निदेशक आर.के.अरोड़ा ने बताया कि विभागीय कमेटी की अनुशंसा और डिस्कॉम चेयरमैन की स्वीकृति पर डीपीसी की गई है।
इनकी हुई पदोन्नति अधिशासी से अधीक्षण अभियंता (ईएंडएम) घनश्याम दास मूलचंद वर्मा अजय नाग सुरेश कुमार नागरानी रामसिंह यादव हरिराम केलर गौतम कुमार भट्ट महेश कुमार टिबरा
बिहारी लाल गुप्ता अधिशासी से अधीक्षण अभियंता (सिविल) रणवीर सिंह भूकर व. लेखाधिकारी से मुख्य लेखाधिकारी आर.बी.अग्रवाल पढ़ें यह खबर भी: आरपीएससी के आवेदन जारी अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्वावधान में सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के 8 पद एवं समूह अनुदेशक/सर्वेयर/सहायकशिक्षुता सलाहकार ग्रेड-द्वितीय के 68 पदों की भर्ती के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने जारी हैं। शैक्षणिक योग्यता, वर्गवार वर्गीकरण, आवेदन प्रक्रिया एवं अन्य जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है।
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन 10 अक्टूबर की रात्रि 12 बजे तक किए जा सकेंगे। समूह अनुदेशक/सर्वेयर/सहायकशिक्षुता सलाहकार ग्रेड-द्वितीय के पदों हेतु ऑनलाइन आवेदन 16 अक्टूबर की रात्रि 12 बजे तक किए जा सकेंगे। ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। परीक्षा तिथि और अन्य जानकारी जल्द अपलोड होगी।