GST: आसान भाषा में समझिए कौन सी चीजें हुईं सस्ती और किन चीजों के लिए करनी पड़ेगी जेब ढीली
Nirmala Sitharaman 55th meeting of the GST Council: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य वित्त मंत्रियों की अगुवाई में GOM परिषद की 55वीं बैठक आज राजस्थान के जैसलमेर में हुई। निर्मला सीतारमण ने 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि किन-किन चीजों पर टैक्स बढ़ाया गया और किन चीजों पर कम किया गया। आइए समझते हैं आसान भाषा में-
Nirmala Sitharaman chairs 55th meeting of the GST Council
Nirmala Sitharaman 55th meeting of the GST Council: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य वित्त मंत्रियों की अगुवाई में GOM परिषद की 55वीं बैठक आज राजस्थान के जैसलमेर में हुई। इस बैठक में कई जरूरी फैसले लिए गए जिनका असर आम आदमी पर पड़ेगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि काली मिर्च और किशमिश जब किसी कृषक की ओर से आपूर्ति की जाती है तो उस पर जीएसटी नहीं लगता है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑर्डर किए गए भोजन के वितरण शुल्क पर माल और सेवा कर (GST) को कम करने का प्रस्ताव टाल दिया गया है। आइए जानते हैं किन-किन चीजों पर टैक्स बढ़ाया गया और किन चीजों पर कम किया गया-
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में परिषद ने इस्तेमाल किए गए EV पर 18% कर लगाने का फैसला किया, इसका उद्देश्य नई ईवी बिक्री को बढ़ावा देना है। वित्तमंत्री ने कहा, ‘GST परिषद का लक्ष्य नए EV पर 5% जीएसटी लगाकर इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को बढ़ावा देना है। हालांकि, व्यक्तियों के बीच बेचे जाने वाले इस्तेमाल किए गए ईवी पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। दूसरी ओर जब कोई कंपनी पुरानी ईवी खरीदती है या जब कोई विक्रेता पुरानी EV को पुनर्विक्रय के लिए संशोधित करता है, तो उस पर 18% कर लगाया जाएगा।
फूड डिलीवरी Tax पर कोई फैसला नहीं
जीएसटी परिषद ने क्विक कॉमर्स, ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी ऐप पर GST लगाने के बारे में विस्तार से चर्चा की। हालांकि, वित्तमंत्री ने कहा कि फूड डिलीवरी पर जीएसटी के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
GOM ने बीमा प्रीमियम पर GST घटाने के फैसले को टाला
केंद्रीय वित्तमंत्री ने कहा कि बीमा नियामकों की राय का इंतजार है। मंत्री समूह का मानना है कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कम करने पर निर्णय लेने में समय लगेगा।
GST में ATF को शामिल करने से राज्य असहज
वित्तमंत्री ने कहा कि राज्य एयर टरबाइन ईंधन (ATF) को जीएसटी परिषद में शामिल करने को लेकर सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। ATF के कराधान में कोई बदलाव नहीं किया गया है और कोई जीओएम नियुक्त नहीं किया जा रहा है।
काली मिर्च, किशमिश को दी गई छूट
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि काली मिर्च और किशमिश की आपूर्ति यदि कृषक द्वारा की जाती है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
फोर्टिफाइड चावल कर्नेल की दर घटाकर 5% की गई
निर्मला सीतारमण ने बताया कि फोर्टिफाइड चावल की जीएसटी दर घटाकर 5% कर दी गई है।
कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न के लिए अलग टैक्स ब्रैकेट पर सहमति
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट कहा, ‘हमने कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर व्यापक चर्चा की, सभी राज्य इस बात पर सहमत हुए कि अतिरिक्त चीनी वाली सभी वस्तुओं को एक अलग कर स्लैब के अंतर्गत रखा जाना चाहिए।
गेमिंग का कोई जिक्र नहीं
जीएसटी परिषद की बैठक में गेमिंग का कोई जिक्र नहीं हुआ।
मिसाइलों पर IGST छूट बढ़ाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों पर इंटर स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (IGST) छूट बढ़ाने की घोषणा की।
जीन थेरेपी के लिए जीएसटी छूट की घोषणा की
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 55वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद घोषणा की कि जीन थेरेपी को जीएसटी से छूट दी जाएगी।
आपदा वसूली में सहायता के लिए 1% आपदा उपकर की घोषणा की
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विशिष्ट वस्तुओं और सेवाओं पर 1% आपदा उपकर लगाने पर चर्चा की। परिषद ने इस उपकर को लागू करने की प्रक्रिया और प्रणाली पर काम करने के लिए पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों सहित मंत्रियों का एक समूह (GOM) बनाने पर सहमति व्यक्त की है।
GST कब लागू हुआ?
1 जुलाई, 2017 को जब जीएसटी लागू किया गया था, तो पांच प्रमुख वस्तुओं- कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और ATF को इसके दायरे से बाहर रखा गया था, जबकि केंद्र और राज्य सरकारें उत्पाद शुल्क और वैट लगाना जारी रखती हैं। इन वस्तुओं को जीएसटी के तहत शामिल करने की मांग कई उद्योगों, खासकर विमानन क्षेत्र की ओर से लगातार की जा रही है। इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने GOM परिषद की 55वीं बैठक बताया कि बीमा क्षेत्र के मंत्रिसमूह (GOM) की रिपोर्ट पर विचारों में मतभेद थे, इसलिए निर्णय अगली बैठक में लिया जाना टाल दिया गया। GOM द्वारा इस मुद्दे पर आम सहमति की कमी की रिपोर्ट के बाद परिषद ने बीमा मामलों पर चर्चा टाल दी।