सीबीएसई के सूत्रों के मुताबिक अगले साल से दो बार परीक्षा कराने का सिस्टम शुरू किया जाता है तो सीबीएसई को पेपरों के बीच के गैप को काफी कम करना पड़ सकता है। इससे बोर्ड की परीक्षाएं एक सप्ताह या 10 दिन में खत्म की जा सकेंगी। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में CBSE, केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) और NCERT के अधिकारियों के साथ साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के मुद्दे पर हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड से कहा है कि वह वर्ष में दो बार परीक्षा कराने की योजना का मसौदा फीडबैक के लिए सार्वजनिक करे। परीक्षा का फाइनल शेड्यूल तैयार करने से पहले सुझावों पर विचार किया जाएगा।
10वीं के आधार पर 12वीं का फैसला
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार पहले
सीबीएसई स्कूलों में केवल 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षाएं शुरू करना चाहती है। 10वीं के अनुभव के आधार पर 12वीं के छात्रों के परीक्षा पर निर्णय लिया जाएगा। यह योजना 12वीं के छात्रों के लिए कब लागू होगी, यह अभी तय नहीं है।
लेकिन परीक्षा का समय नहीं बदलेगा
अधिकारियों के मुताबिक सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं आमतौर पर फरवरी में शुरू होती हैं। दो बार परीक्षा प्रणाली में भी संभवत: यही टाइमफ्रेम जारी रहने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में कड़ी सर्दियों के चलते पहले परीक्षा आयोजित करना चुनौतीपूर्ण होगा। ऐसा होता है तो पढ़ाई के लिए भी कम समय मिलेगा। यह हो सकता है शेड्यूल
मार्च तक पहली परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया जाए। वर्तमान में मई में रिजल्ट जारी किया जाता है। यानी दो माह पहले पहली बोर्ड परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए जाएं। दूसरी परीक्षा मई की शुरुआत में आयोजित की जाए और परिणाम जून में घोषित हों।
दो परीक्षा देने पर रखे जाएंगे बेस्ट अंक
इस साल जनवरी में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं कराने का फैसला अगले शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से लागू किया जाएगा। छात्र-छात्राओं को वर्ष में दो बार बोर्ड परीक्षा की अनुमति दी जाती है तो केवल बेस्ट अंक ही रखे जाएंगे। योजना को लागू करने से पहले देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय बोर्ड सीबीएसई दोनों परीक्षाओं को कराने, प्रश्नपत्रों के मूल्यांकन को पूरा करने और अगले शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले परिणाम घोषित करने की चुनौती के निपटने की कोशिश कर रहा है।
छात्र-छात्राओं से प्रश्न-पत्र का फीडबैक
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र का स्तर परीक्षार्थियों के फीडबैक से तय किया जाएगा। इसी आधार पर ग्रेस देने संबंधित निर्णय लिए जाएंगे। इसके लिए परीक्षा केंद्र के हर कक्ष में उपस्थित बच्चों में से 25 फीसदी से फीडबैक लेने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान छात्र-छात्राओं से प्रश्नों का स्तर, छपाई, प्रश्नों में त्रुटि और प्रश्नपत्र में सिलेबस से बाहर से प्रश्न आने के संबंध में प्रतिक्रिया ली जाएगी। यह फीडबैक उसी दिन सीबीएसई को भेजना होगा।