सेना ने किया शिवन को सम्मानित
गोल्डन एरो डिवीजन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चौथी कक्षा में पढ़ने वाले शिवन सिंह ने संकट की घड़ी में जो साहस और सेवा भाव दिखाया, वह असाधारण है। शनिवार को फिरोजपुर छावनी में आयोजित एक समारोह के दौरान वेस्टर्न कमांड के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने शिवन को सम्मानित किया।
सीमा पर तनाव के बीच पहुंचाई राहत
यह घटना उस समय की है जब 7 मई को भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने सीमा पर गोलाबारी शुरू कर दी थी। इस बीच तारा वाली गांव के रहने वाले शिवन सिंह, जो कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज दो किलोमीटर दूर रहता है, अपने स्तर पर सैनिकों के लिए चाय, दूध, लस्सी, पानी और बर्फ लेकर खुद ही पहुंच गया।
Operation Sindoor: निर्भीक सेवा ने जीता जवानों का दिल
गोलियों की आवाज और तनावपूर्ण माहौल के बावजूद शिवन का यह प्रयास सेना के लिए बेहद भावुक कर देने वाला था। उसकी निडरता और मदद की भावना ने सैनिकों का दिल जीत लिया। सेना ने उसे न सिर्फ सम्मानित किया, बल्कि उसकी शिक्षा का पूरा भार उठाने की घोषणा कर एक मिसाल भी पेश की। एक सम्मान समारोह के दौरान शिवन ने कहा, “मैं बड़ा होकर फौजी बनना चाहता हूं और देश की सेवा करूंगा।” उसके पिता ने गर्व के साथ बताया कि बेटे ने बिना किसी के कहे सैनिकों के लिए जरूरी सामान पहुंचाया और सैनिकों ने भी उसे खूब स्नेह दिया।
क्यों हुआ था Operation Sindoor?
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। इस सैन्य कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया था।