प्रधानी की रंजिश बनी मौत का कारण
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अखरी गांव में प्रधानी को लेकर दो गुटों के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही थी। मृतक अभय प्रताप सिंह एक प्रभावशाली किसान नेता थे और स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे। इसी रंजिश ने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया। आरोप है कि गांव के पूर्व ग्राम प्रधान और उसके बेटे ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर पप्पू सिंह और उनके परिजनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मामूली विवाद ने छीनी तीन जिंदगियां
प्रारंभिक जांच में पता चला कि ट्रैक्टर और बाइक को रास्ता न देने का मामूली विवाद इस त्रासदी की जड़ बना। विवाद बढ़ते ही आरोपियों ने परिवार को घेरकर गोलियां बरसा दीं। घटना के बाद गांव में सन्नाटा छा गया, लेकिन ग्रामीणों में आक्रोश और भय का माहौल है।
पुलिस ने तीन को दबोचा, जांच जारी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की और गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। फॉरेंसिक टीम साक्ष्य जुटाने में जुटी है। फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने बताया, “पीड़ित परिवार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है और कानूनी कार्रवाई जारी है।” घटना की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
डर और अनिश्चितता में डूबा फतेहपुर
फतेहपुर का माहौल अभी तनावपूर्ण है। गांव में हर तरफ डर और अनिश्चितता का साया मंडरा रहा है। प्रशासन के सामने अब दोहरी चुनौती है—कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना और पीड़ित परिवार को जल्द न्याय दिलाना। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब जांच पूरी पारदर्शिता के साथ हो और सच्चाई सामने आए। अभी तो लोग बस इंतजार में हैं कि इस खूनी खेल का अंत क्या होगा। घटना के मामले में स्पष्ट जानकारी तो जांच के बाद ही पता लग पाएंगी।