सूचना मिलते ही राजिम पुलिस मंदिर पहुंची और जांच-पड़ताल में जुट गई। शुरुआती जांच के बाद दो संदिग्धों लीलाराम साहू और कामता प्रसाद साहू को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में दोनों ने बताय्रा, उन्हें कहीं से जानकारी मिली थी कि देवी-देवताओं का खून से तिलक करने पर घर में धन वर्षा होती है। परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इसी अंधविश्वास के चलते उन्होंने यह काम किया। उन्होंने मंदिर में विराजित सभी मूर्तियों पर खून लगाया।
ग्रामीणों में नाराजगी
पुलिस ने गंभीर कृत्य को लेकर दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 298 और 3(5) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज किया। समाज में भय और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के चलते प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की गई है। घटना से ग्रामीणों में खासी नाराजगी है।
लोग चाहते हैं कि इस तरह
अंधविश्वास को फैलाने वालों पर सत कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई धार्मिक स्थलों को इस तरह अपवित्र न करने पाए। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अंधविश्वास से दूर रहें। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।