Expressway: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की बैठक में उत्तर दक्षिण कॉरिडोर बनाने का प्रस्तुतीकरण किया गया। यह कॉरिडोर नेपाल सीमा से लेकर दक्षिणी छोर तक फैले जिलों को जोड़ेगा। साथ ही प्रदेश से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। इससे सीमावर्ती जिलों में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकांश राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पूरब पश्चिम दिशा में केंद्रित है। ऐसे में अब नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी छोर तक फैले जिलों को जोड़ने वाले उत्तर दक्षिण कॉरिडोर तैयार करने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग NH के अंतर्गत आने वाले हिस्सों को NHI से सहयोग लिया जाएगा। शेष मार्गों का निर्माण, सुदृढ़ीकरण तथा चौड़ीकरण राज्य स्तर पर कराया जाए। इसमें जहां आवश्यक हो, वहां ग्रीनफील्ड रोड परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएं।
इन जिलों की दक्षिणी राज्य के जिलों से होगी बेहतर कनेक्टिविटी
अमरोहा-इटावा-ललितपुर,काशीपुर-मुरादाबाद-हाथरस-मथुरा
पीलीभीत-शाहजहांपुर-कानपुर-हमीरपुर,ककरहवा (नेपाल बॉर्डर)-बांसी-बस्ती-जौनपुर,औरेया-कन्नौज-हरदोई-सीतापुर लखीमपुर, पडरौना,देवरिया,मऊ,गाजीपुर,
श्रावस्ती,
गोंडा,अयोध्या,प्रयागराज,चाकघाट,ऊंचाहार,चित्रकूट
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739 किमी हिस्सा यूपी पीडब्ल्यूडी का होगा
उत्तर दक्षिण कॉरिडोर बनाने में 18 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी। 1989 किमी में से 1250 किमी हिस्सा एनएचएआई और 739 किमी हिस्सा यूपी पीडब्ल्यूडी के अधीन होगा। कुल लंबाई में 552 किमी की ग्रीनफील्ड परियोजनाएं होंगी। यानी, इसे जमीन लेकर नवनिर्माण करना होगा। शेष चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का काम होगा।