एचपीवी वायरस पर हुई कार्यशाला
यह पहल Cervavac (सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया) के द्वारा कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और बच्चों को इन गंभीर बीमारियों से बचाने के उद्देश्य से की गई है।
एचपीवी वायरस विभिन्न प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है, खासकर सर्वाइकल कैंसर, जो महिलाओं में आम है। इसके अलावा, एचपीवी वायरस के कारण गले, मुंह और जननांगों के कैंसर भी हो सकते हैं।
एचपीवी का टीका हमारे कैंसर से बचाव
इसलिए, विश्वविद्यालय ने यह कदम उठाया है ताकि बच्चों को इस वायरस से सुरक्षा मिले और वे स्वस्थ रहें। स्कूलों को जहाँ आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे पढ़ते है उन्हें प्राथमिक टीकाकरण स्थल के रूप में चुना गया है और यह स्थानीय क्लीनिकों में भी उपलब्ध होगा।
टीकाकरण का आयोजन
जिस के प्रथम चरण के आयोजन का स्थान “कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, खोराबार ब्लॉक गोरखपुर” रहा। द्वितीय चरण के आयोजन का स्थान GUWWA हॉल गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर रहा जिसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के बच्चों के लिए (11 वर्ष से 14 वर्ष तक) टीकाकरण का आयोजन किया गया।
सर्वाइकल कैंसर के बारे में दी गई जानकारी
प्रथम चरण के आयोजन “कस्तूरबा आवासीय विद्यालय, खोराबार ब्लॉक गोरखपुर” प्रातः 9:00 बजे डॉक्टर निष्ठा द्वारा विद्यालय की लगभग 40 छात्राओं को वैक्सीनेशन लगवाया गया जिसमें छात्राओं के साथ-साथ कुछ शिक्षिकाएं एवं कुछ अभिभावक भी सम्मिलित हुए। इसके साथ ही डॉक्टर निष्ठा द्वारा सर्वाइकल कैंसर के कारण उसे से बचाव और वैक्सीनेशन के डोज के बारे में बताया गया। इनर व्हील क्लब के सदस्यों द्वारा छात्राओं को सैनिटरी पैड दिया गया।
इनकी रही उपस्थिति
इस कार्यक्रम में प्रोo दिव्या रानी सिंह, निर्देशिका, महिला अध्ययन केंद्र, गृह विज्ञान की सहायक आचार्य डॉ अनुपम कौशिक एवं कस्तूरबा विद्यालय की वार्डन श्रीमती नीतू श्रीवास्तव उपस्थिति रही।इसके साथ ही कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिकाये और गृह विज्ञान विभाग की शोधार्थी काजोल आर्यन, शिवांगी मिश्रा , कीर्ति एवं अर्चिता चौरसिया उपस्थित रही।
टीकाकरण के द्वितीय चरण का आयोजन
द्वितीय चरण का आयोजन GUWWA हॉल गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर जिसमें विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के बच्चों के लिए टीकाकरण किया गया।शहर की सुप्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मधु गुलाटी (गुलाटी नर्सिंग होम एंड इनफर्टिलिटी सेंटर) द्वारा परिसर के बच्चों को टीका लगाया गया। डॉ मधु गुलाटी ने यह भी बताया कि टीकाकरण का सबसे प्रभावी समय 11 से 12 वर्ष की आयु के बीच होता है, क्योंकि इस उम्र में यह सबसे अच्छा सुरक्षा प्रदान करता है। एचपीवी का टीका हमारे कैंसर से बचाव की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
वैक्सीनेशन पूरी तरह से निःशुल्क
इसे युवा पीढ़ी को मुफ्त में उपलब्ध कराकर, हम भविष्य में इन कैंसरों का बोझ कम करने और जानें बचाने की उम्मीद करते हैं। यह कार्यक्रम प्रो दिव्या रानी सिंह, रसायन विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ प्रीति गुप्ता एवं गोरखपुर विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा वैक्सीनेशन लगाने की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाया गया। बच्चों को वैक्सीन देने से पहले उनके स्वास्थ्य का मूल्यांकन किया गया और फिर उन्हें एचपीवी वैक्सीन लगाई गई। वैक्सीनेशन पूरी तरह से निःशुल्क था।
बच्चों को वेक्सिनेशन अभियान में करें शामिल
महिला अध्ययन केंद्र द्वारा सभी शिक्षकों और कर्मचारियों से आग्रह किया है कि वे अपने बच्चों को इस वैक्सीनेशन अभियान में शामिल करें, ताकि वे इस वायरस से सुरक्षित रह सकें। साथ ही, विश्वविद्यालय ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ भी सहयोग किया है। आने वाले दिनों में गोरखपुर विश्वविद्यालय अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की योजना बना रहा है ताकि समुदाय में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को और बेहतर किया जा सके।