LDA के बाबू ने झांसे में लेकर हड़पे 84 लाख
सुनील ने बताया कि जब संबंध और प्रगाढ़ हुए तब सतीश और मुसाफिर ने सरोजनीनगर तहसील के अरदौना मऊ में 17 बिसवां जमीन होने का दावा किया। कुछ कागज भी दिखाए। जिनके मुताबिक मालिकाना हक मुसाफिर के नाम पर था। सतीश और मुसाफिर सिंह के झांसे में आकर सुनील अपने पार्टनर रमेश यादव और मुकेश सिंह के साथ कॉलोनी विकसित करने के लिए हामी भर दी। मुसाफिर ने शर्त रखी थी कि जमीन का काम उसका बेटा सोमेंद्र सिंह देखेगा। पीड़ित के मुताबिक करीब 84 लाख रुपये एडवांस लिए गए। इसके बाद भी जमीन उनके नाम पर नहीं हुई। पूछताछ करने पर आरोपित टाल मटोल करने लगे।
ज्वाइंट सीपी के निर्देश पर मुकदमा दर्ज
मुसाफिर सिंह के इस हरकत से सुनील को खुद के ठगे जाने के एहसास हुआ। जब उसके बारे में पता किया गया तो पता चला कि वह LDA से भी बर्खास्त हो चुका है।सुनील के मुताबिक काफी कहासुनी के बाद आरोपितों ने कुछ चेक दिए। जो बाउंस हो गए। धोखाधड़ी की घटना की जानकारी सुनील ने जेसीपी कानून एवं व्यवस्था अमित वर्मा को दी। जिनके निर्देश पर सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली में एलडीए से बर्खास्त लिपिक समेत तीन के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ।