गुना में विगत दिनों नगर पालिका परिषद की बैठक में नामांतरण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हुए हंगामे, तीखी झड़प, माइक छीनने आदि को लेकर स्थानीय बीजेपी संगठन ने पार्टी के छह पार्षदों को कारण बताओ नोटिस देकर एक सप्ताह में जवाब देने को कहा था। संगठन के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार को पार्षदों ने अपने-अपने नोटिसों का जवाब दिया है।
पार्षदों ने अपने जवाब में कहा कि उन्होंने अपने आपको अनुशासन में रहकर अपनी बात रखी। जिलाध्यक्ष को दिए नोटिस के जवाब में कहा कि न तो हम एजेन्डे का विरोध करते हैं और न ऐसी मंशा रखते हैं।
नामांतरण प्रकरण पर हस्ताक्षर करने का अधिकार नपा अध्यक्ष को दिए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा के समय नगर पालिका अध्यक्ष के पति अरविन्द गुप्ता परिषद के अंदर बैठकर जोर-जबरदस्ती तरीके से पार्षदों से हस्ताक्षर करा रहे हैं, इसके वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए हैं। कुछ महिला पार्षदों के पति और ससुर भी अरविन्द गुप्ता के साथ जबरन हस्ताक्षर कराने वालों में शामिल थे।
पार्षदों ने कहा कि नपा अध्यक्ष के पति का यह कृत्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के द्वारा बताए गए सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग के विपरीत है जो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। उन्होंने नगर पालिका के सीएमओ तेजसिंह यादव पर पार्टी विशेष बनकर काम करने और एक पार्षद को मारने के लिए दौड़ने वाली बात का उल्लेख किया है।
नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष धर्म सोनी, भाजपा पार्षद दिनेश शर्मा, बृजेश राठौर, महिला पार्षद सुनीता रघुवंशी, सुमन लोधा, अजब बाई लोधा ने जिलाध्यक्ष को अपने जवाब भेज दिए हैं। जवाब में उन्होंने परिषद की अगली बैठक में पार्षद पतियों, ससुर के बैठक में उपस्थित न होने के निर्देश नगर पालिका अध्यक्ष को निर्देश देने का भी आग्रह किया है।