प्रशासनिक जांच में सामने आया कि सरकारी दुकानों से कई परिवार ऐसे लोगों का भी राशन ले रहे हैं, जो अब इस दुनिया में ही नहीं हैं। सिर्फ ग्वालियर जिले की ही बात की जाए तो यहां ऐसे लोगों की संख्या 5227 है, जिनमें लगभग 4,841 प्राथमिकता कार्ड वाले परिवार हैं।
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गरीब परिवार के एक सदस्य को 161 रुपए का तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल दिया जाता है। इस हिसाब से हर महीने ग्वालियर में ही 7,79,401 रुपए कीमत का 242 क्विंटल गेहूं और चावल का नुकसान खाद्य विभाग को हो रहा है।
इस तरह हुआ खुलासा
UIDAI ने मध्य प्रदेश के 3.13 लाख मृतकों के आधार निरस्त किए हैं। साथ ही, इसकी सूची राज्य शासन को भेजी थी। अब इसको जिलों मे भेजा गया तो राशन में हो रहे इस घोटाले का खुलासा उजागर हुआ, जबकि सदस्य संख्या की समीक्षा नियमित तौर पर खाद्य विभाग को करना चाहिए। खास बात ये है कि पीडीएस का यहा फर्जीबाड़ा सिर्फ ग्वालियर ही नहीं बल्कि, पूरे ग्वालियर चंबल संभाग मे हो रहा है। इन जिलों में करीब 25 हजार ऐसे लोग नियमित राशन ले रहे हैं, जिन्हे मरे हुए अरसा बीत चुका है। यह भी पढ़ें- आज प्रयागराज दौरे पर सीएम मोहन यादव, महाकुंभ में लगाएंगे डुबकी जल्द हट जाएंगे नाम
इस संबंध में जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी विपिन श्रीवास्तव ने बताया कि, उन्होंने राशन कार्ड धारकों की सूची को दुकानवार छांटकर दे दी है। इसमें सत्यापन कराया जा रहा है कि, किस घर का कौन सदस्य मृत है, उनका नाम पोर्टल से हटाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि, सूची में 5227 लोग हैं, जिनमें से अबतक 300 लोगों के नाम सत्यापन के बाद पोर्टल से हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी परिवार अपने यहां मृत व्यक्ति की जानकारी नहीं देता। ये खुलासा भी आधार निरस्त होने के कारण हुआ है। अब इन्हें जल्द ही पोर्टल से भी हटा दिया जाएगा।