ये भी पढें – डिजिटल अरेस्ट ने ली शिक्षिका की जान, ठगी के बाद पिया जहर, मौत बीएसएफ(Biggest Digital Arrest) टेकनपुर निवासी अबसार अहमद ने साइबर सेल को बताया, 2 दिसंबर को दोपहर 11.30 बजे फोन पर 7751097412 नंबर से कॉल आया था। कॉलर ने खुद को मुंबई साइबर सेल का अधिकारी बताया उनसे कहा कि मनी लॉड्रिंग के धंधे में शामिल हो। आपका अरेस्ट वारंट है। पुलिस आपको तलाश रही है। उसने मनी लॉड्रिंग के अलावा और भी जुर्म गिनाए कहा कि आपकी सिम से भी दर्जनों अपराध हुए हैं। फोन करने वाले का कहना था इन अपराधों में परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। सभी गिरफ्तार होंगे।
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इंस्पेक्टर अहमद ने बताया ठगों(Biggest Digital Arrest) को असली पुलिस समझ उनकी बात मानते गए। बदमाशों ने उनके बैंक खातों की डिटेल पूछी उनमें जमा पूरी रकम ऑनलाइन अपने खातों में ट्रांसफर कराई। फिर और पैसा मांगा तो फ्लैट और जमीन बेचकर पैसे का इंतजाम किया। दोस्त और रिश्तेदारों से उधार लेकर ठगों के बताए खातों में भेजा।
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पुलिस ने बताया ठगों ने इंस्पेक्टर अबसार को झांसे में फंसाए रखने के लिए उनसे ही वसूली रकम में 94 हजार 998 रुपया लौटा भी दिया, लेकिन उसके बाद उनकी पूरी जमा पूंजी ऐंठ ली। पूरा पैसा लुटाने के बाद इंस्पेक्टर अहमद ने परेशानी बेटे अशरफ को बताई तब परिवार को पता चला कि उन्हें ऑनलाइन लुटेरे लूट रहे थे।
आधार कार्ड व सिम का इस्तेमाल बताकर फंसाया
बीएसएफ के इंस्पेक्टर को ऑनलाइन ठगों ने उनके आधार कार्ड और सिम कार्ड का मनी लॉड्रिंग में इस्तेमाल होने का हवाला देकर जेल भेजने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट रखा। पूरे महीने ठग उनसे पैसा ऐंठते रहे। इंस्पेक्टर के बेटे की नजर में बात आई तब ठगी का पता चला। इंस्पेक्टर की शिकायत पर केस दर्ज किया है। –धर्मवीर सिंह यादव एसपी ग्वालियर
वर्दीवाले ने धमकाया
इंस्पेक्टर अहमद ने पुलिस को बताया कुछ देर बाद वीडियो कॉल आया इस बार वर्दी में पुलिस अधिकारी बात कर रहे थे। इन लोगों ने धमकी दी कि पुलिस की टीम उन्हें दबोचने की तैयारी में है, बचने की कोई गुजाइंश नहीं है। उनकी बातों को सुनकर सोचने समझने की हिम्मत नहीं बची। उसके बाद ठगों(Biggest Digital Arrest) ने कैमरे के सामने से हिलने नहीं दिया। किसी से भी बात करने से मना कर दिया। पूरी तरह अपने काबू में करने के बाद बदमाश सीधे मुददे पर आ गए बोले 15 लाख रुपए दो। सारा केस यही खत्म हो जाएगा। जांच टीम मनी लॉड्रिंग में उनकी भूमिका की जांच करेगी। अगर उसमें अहमद और उनका परिवार शामिल नहीं निकला तो पूरी रकम वापस होगी।