ऐसे मरीजों को दी जा रही कोरोना टेस्ट की सलाह
संपर्क वालों में भी सिर्फ उन्हीं मरीजों की जांच की जा रही है। जिनमें सर्दी, खांसी के साथ बुखार आदि के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। वहीं अस्पतालों में ऐसे लक्षण वाले मरीजों को डॉक्टर कोरोना की जांच की सलाह दे रहे है। लेकिन यह मरीज जांच कराने से बच रहे हैं। ऐसे में अगर सही मायने में कोरोना की जांच की जाए तो पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। वहीं इन दिनों जांच में हर तीसरे व्यक्ति को कोरोना की पुष्टि हो रही है।
16 दिन में 139 सैंपल में 23 डॉक्टर संक्रमित
कोरोना के मरीज एक जून से आना शुरू हुए हैं। इसमें अभी 16 दिन में ही 139 सैंपल की जांच में 47 लोगों को कोरोना की पुष्टि हुई है। इसमें 23 डॉक्टर भी शामिल है। इसमें से अधिकांश डॉक्टर तो ड्यूटी के दौरान इलाज करते हुए संक्रमित हुए हैं। हालात यह है कि हर दिन दो से तीन डॉक्टरों को कोरोना निकल रहा है।
जिला अस्पताल में नहीं आई किट
कोरोना के मरीजों की संख्या में हर दिन इजाफा होता जा रहा है। इसके बावजूद भी जिला अस्पताल में कोरोना की किट तक नहीं है। किट की कमी को देखते हुए भोपाल मुख्यालय को जानकारी भेजी गई है। किट न होने से जिला अस्पताल से कोरोना का सैंपल लेकर जीआरएमसी में भेजा जा रहा है। सूत्रों की माने तो अस्पताल में जल्द ही स्थानीय स्तर पर किट को खरीदा जाएगा, जिससे जांच आसानी से हो सके।
14 सैंपल की जांच में 4 को निकले पॉजिटिव
सोमवार को 14 सैंपल की जांच की गई, जिसमें जीआरएमसी में एक डॉक्टर पॉजिटिव आया है। वहीं तीन अन्य लोग निजी लैब में पॉजिटिव आए है। यह सभी मरीज आईसोलेशन में हैं।
मरीजों को जांच के लिए लिख रहे है
कोरोना के मरीज इन दिनों सात दिन में ठीक हो रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इस बार मरीजों को निमोनिया नहीं आ रहा है और न ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। सर्दी, खांसी के मरीजों और संपर्क वाले लोगों के साथ बुजुर्गों व डायबिटीज के मरीजों की जांच के लिए लिख रहे है।
-डॉ. अजयपाल सिंह , मेडिसिन विभाग, जीआरएमसी