एमपी में कौन होगा अगला बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष? रेस में कई बड़े नेता
इसके बाद 2017 में पति ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। पत्नी ने न्यायालय में कहा कि विवाह के बाद से बहू की मर्यादा में रही। बहू के सभी कर्तव्यों का पालन किया। उसने कभी किसी को प्रताड़ित नहीं किया। पति के परिवार वाले हर दिन उसके दुर्व्यवहार करते थे। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि दोनों के फिर से साथ रहने की संभावना नहीं है। कोर्ट ने तलाक देना उचित समझा। कुटुंब न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया।