महिला की 2020 से याचिका हाईकोर्ट में लंबित थी। इस याचिका पर 2 जुलाई को बहस हुई। मंगलवार को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। दिलीप दुरेहा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे, उन्हें एलएनआईपीई का कुलपति बनाया गया था। यह सेवा निवृत्त हो चुके हैं।
पुलिस व संस्थान को लेकर कोर्ट की टिप्पणी
1-पुलिस: कोर्ट ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा किया गया अमानवीय और असहानुभूतिपूर्ण व्यवहार उन्हें दंड का पात्र बनाता है। इसलिए पीड़िता को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया जाता है, जो अधिकारियों इसके लिए जिम्मेदार है। उससे राशि वसूली की जाए। 2- संस्थान: कार्यस्थल पर उचित न्याय नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता को यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। जिससे उसका बहुमूल्य समय बर्बाद हुआ। इसलिए 1 लाख रुपए का राशि एलएनआईपीई को देनी होगी।
वीसी पर लगे थे आरोप
एक शिक्षक ने मार्च 2019 में क्लास लेने जाते वक्त तत्कालीन कुलपति दिलीप दुरेहा पर अभद्रता करने के आरोप लगाए थे। उनकी शिकायत पर महिला उत्पीड़न कमेटी ने जांच में शिकायत सही पाई। लेकिन दुरेहा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। एफआइआर भी नहीं लिखी गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ३ साल बाद एफआइआर दर्ज हुई थी।