दरअसल 19 दिसंबर 2024 को सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित आवास पर लोकायुक्त पुलिस का छापा पड़ा था। छापे में करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ। इसके भोपाल के एंडोरी में स्थित विनय हासवानी के फार्म हाउस पर सोना व पैसों से भरी गाड़ी बरामद हुई। परिवहन विभाग से सौरभ शर्मा ने जो काली कमाई की, उसका खुलासा हुआ। लोकायुक्त पुलिस व ईडी ने केस दर्ज किया।
शहर सहित जिले में संपत्तियों की भी तलाश
सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग से की काली कमाई को जमीन, फ्लैट व मकान खरीदने में लगाया है। शहर सहित जिले में जमीन खरीदने की संभावना है। इसके लिए लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा व उसके परिवार के लोगों की संपत्ति की जानकारी मांगी है। जिला पंजीयक ने इसकी सूचना उप पंजीयकों को भेज दी है। उप पंजीयक सौरभ शर्मा के नाम की रजिस्ट्री की तलाश कर रहे हैं।
इन सरकारी जमीनों को निजी करने का किया था करार
- लोकायुक्त पुलिस की जांच में जो खुलासा हुआ, उसमें पुरासानी, बरउआ पिछोर, आलुपुरा व महलगांव की 95 बीघा शासकीय जमीन को निजी करने का करार किया था। राजस्व विभाग के खसरे में सर्वे नंबर सरकारी दर्ज हैं।
- ग्वालियर ग्रामीण तहसील के पुरासानी हल्के के सर्वे क्रमांक 477, 478, 479, 480, 494, 481, 517, 519 का रकबा 26 बीघा को शासकीय मदद से मुक्त करने का करार किया गया।
- ग्राम बरउआ पिछोर का 374, 348, 353/1 का रकबा 36 बीघा जमीन को शासकीय से निजी कराने का करार किया।
- 26 अगस्त 2024 को बकील, ज्ञान सिंह, बंटी गुर्जर, पुरंदर से ग्राम आलुपुरा की सर्वे क्रमांक 650, 651, 90, 92 का रकबा 18 बीघा 2 बिसवा जमीन को शासकीय मद से मुक्त कराने का करार किया।
- सिटी सेंटर तहसील के महलगांव के सर्वे क्रमांक 1736 व 1737 का रकबा 45 बीघा को शासकीय मुक्त कराने का करार किया।
- महलगांव क्षेत्र की जमीन की कीमत करोड़ों में है, क्योंकि यहां पर नई कॉलोनी विकसित हो रही है, जबकि पुरासानी, बरउआ पिछोर व आलूपुरा की भी जमीनों की कीमत करोड़ो में है।