अधिक तापमान एवं पर्याप्त मात्रा में नमी नहीं मिलने के कारण पौधों में स्ट्रेस उत्पन्न होता है। जिससे पौधों में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण फल झडऩा शुरू हो जाते हैं। फलों को झडऩे से रोकने एवं पौधों को स्ट्रेस से बचाव के लिए संतुलित मात्रा में सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिडक़ाव जरूरी है। बाग को लू से बचाने के लिए बाग की उतरी-पश्चिमी सीमा पर शीघ्र बढ़वार करने वाले पौधे यथा- आंवला, जामुन, बेलपत्र इत्यादि के पौधों की दो लाइन वायुरोधक वृक्षों के रूप में स्थापित करनी चाहिए। जिससे गर्म हवा एवं लू की वजह से बाग में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
विभाग स्तर पर किसानों को सलाह दी जाती है कि बागों को अधिक तापमान एवं लू से बचाने के लिए मल्चिंग करने के उपरांत सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों के माध्यम से नियमित अंतराल में सिंचाई करें। विभागीय सिफारिश के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिडक़ाव अवश्य रूप से करें। ताकि बाग गर्म मौसम में भी बाग सुरक्षित रह सकें।
-साहबराम गोदारा, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग हनुमानगढ़