कालीबंगा संग्रहालय के एक कोने में करीब सात फुट के मनुष्य का कंकाल रखा गया है। उत्खनन स्थल पर जहां से कंकाल मिले हैं, वहां पर मिट्टी के कुछ बर्तन भी मिले हैं। जिस तरह से कंकाल निकले हैं, उसके आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि हड़प्पन लोगों की ऊंचाई करीब सात फुट औसत रही होगी। कालीबंगा संग्रहालय की गैलरी में हड़प्पाकालीन मृदभांडों व उनके अवशेषों, पक्की मिट्टी से बने खिलौनों, शतरंज व चौसर खेलने के पासों, पानी निकासी के लिए प्रयोग किए जाने वाली पाइपों, छोटे पक्षियों के शिकार के लिए काम में ली जाने वाली सीलिंग बॉल्स व पक्की मिटटी के बर्तन, अंत्येष्टि संस्कार प्रक्रिया में उपयोग होने वाले बर्तनों तथा उत्खनन से प्राप्त तांबा निर्मित उपकरणों को दर्शाया गया है।
कालीबंगा संग्रहालय में कार्यरत पुरातत्व विभाग के चिन्ह्कार ईश्वराम के अनुसार संग्रहालय शुक्रवार को छोडकऱ पूरे सप्ताह पर्यटकों के लिए खुला रहता है। पर्यटकों की जानकारी के लिए गैलरियों में जगह-जगह पुरावशेषों के बारे में जानकारी लिखकर बोर्ड भी लगाए हुए हैं। संग्रहालय में भारतीय नागरिकों व अन्य देश के नागरिकों के लिए प्रवेश शुल्क पांच रुपए निर्धारित है। जबकि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश नि:शुल्क है।
-करीब 5000 वर्ष पुरानी मानी जाती है हड़प्पाकालीन सभ्यता।
-उत्खनन के दौरान मिली करीब 1450 वस्तुओं को कालीबंगा संग्रहालय में लगाया गया है।
-हड़प्पन लोगों की औसत ऊंचाई करीब 07 फुट होने का अनुमान लगाया गया है।
-कालीबंगा में स्थित तत्कालीन हड़प्पा नगर में करीब 10 हजार लोगों के जीवन-बसर करने की बात पुरातत्वविद कह रहे हैं।