Giloy benefits: अमरता की जड़ी-बूटी
संस्कृत में ‘अमृता’ के नाम से पहचानी जाने वाली गिलोय को आयुर्वेद में सदियों से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह जड़ी-बूटी शरीर को डिटॉक्स करने, संक्रमण से बचाने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जानी जाती है।PubMed डेटा ने किया खुलासा Giloy PubMed research
PubMed, जो कि वैश्विक स्तर पर बायोमेडिकल और लाइफ साइंस शोधों के लिए प्रतिष्ठित डेटाबेस है, के अनुसार: 2014 में गिलोय पर शोध पत्रों की संख्या: 243कोविड-19 के बाद शोध में आई तेजी
वैज्ञानिक लंबे समय से गिलोय की औषधीय क्षमताओं का अध्ययन कर रहे थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के बाद इसमें अचानक तेजी आई। प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर्स और समग्र स्वास्थ्य देखभाल उपायों की खोज ने गिलोय को वैश्विक चिकित्सा शोध का केंद्र बना दिया।शोध से मिले चौंकाने वाले परिणाम
हालिया शोधों से यह स्पष्ट हुआ है कि गिलोय में इम्यूनोमॉडुलेटरी (रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले), एंटीवायरल और एडाप्टोजेनिक गुण मौजूद हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह न केवल वायरल संक्रमणों को रोकने में सहायक है, बल्कि कैंसर, ऑटोइम्यून डिजीज और सूजन संबंधी विकारों के प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।वैज्ञानिक प्रमाण जुटाने पर जोर Ayush Ministry Giloy report
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, “आयुष प्रणाली की वैज्ञानिक प्रमाणिकता को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। हम शोध सहयोग को मजबूत करने, वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने और मुख्यधारा की चिकित्सा प्रणाली में आयुर्वेद को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”Giloy का भविष्य: संभावनाओं से भरा सफर
कैंसर चिकित्सा में भूमिका: नए शोधों से संकेत मिले हैं कि गिलोय में कैंसररोधी तत्व हो सकते हैं।ऑटोइम्यून रोगों में प्रभावी: यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित कर सकता है।
सूजन और संक्रमण के खिलाफ: इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीवायरल गुण इसे एक बेहतरीन औषधि बनाते हैं।
डॉ. गलीब, एसोसिएट प्रोफेसर, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, ने कहा, “गिलोय पर वैज्ञानिक शोध लगातार बढ़ रहा है और यह विभिन्न चिकित्सा क्षेत्रों में भविष्य में व्यापक उपयोग के लिए संभावनाएं रखता है।”