1. मलेरिया (Malaria)
मलेरिया भारत में सबसे पुरानी और आम मच्छरजनित बीमारी है। यह Anopheles मच्छर के काटने से फैलती है जो Plasmodium नामक परजीवी शरीर में पहुंचाता है। मलेरिया का मुख्य लक्षण ठंड के साथ तेज बुखार आना होता है जो हर 2 या 3 दिन में दोहराता है। इसके अलावा थकान, पसीना और उल्टी भी इसके लक्षण हो सकते हैं। मानसून के समय इस बीमारी का प्रकोप सबसे अधिक होता है और समय पर इलाज न होने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
2. डेंगू (Dengue)
डेंगू Aedes Aegypti मच्छर के काटने से फैलता है जो साफ पानी में पनपता है। डेंगू एक वायरल संक्रमण है और इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिर और आंखों के पीछे दर्द, शरीर में दर्द और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। कुछ मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिर जाती है जिससे ब्लीडिंग और शॉक की स्थिति भी बन सकती है। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है क्योंकि इसमें शरीर दर्द बहुत ज्यादा होता है।
3. चिकनगुनिया (Chikungunya)
चिकनगुनिया भी Aedes मच्छर के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार के साथ शरीर और जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। कई बार जोड़ों का दर्द महीनों तक बना रहता है। यह बीमारी जानलेवा भले न हो लेकिन रोगी को काफी कमजोर और अक्षम बना देती है।
4. फाइलेरिया (Filaria/Lymphatic Filariasis)
फाइलेरिया या हाथीपांव Culex मच्छर से फैलता है जो Wuchereria bancrofti नामक कृमि को शरीर में पहुंचाता है। यह बीमारी धीरे-धीरे असर करती है और लंबे समय में व्यक्ति के हाथ पैर या जननांगों में अत्यधिक सूजन हो सकती है। इससे व्यक्ति की सामान्य जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो जाती है। भारत में फाइलेरिया के लाखों मामले मौजूद हैं और यह एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है।
5. काला-आज़ार (Kala-Azar/Visceral Leishmaniasis)
काला-आज़ार मच्छर की एक खास प्रजाति Sandfly के काटने से फैलता है। यह बीमारी खासकर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे इलाकों में अधिक देखने को मिलती है। इसके लक्षणों में लगातार बुखार, वजन कम होना, खून की कमी और लीवर व तिल्ली का बढ़ना शामिल है। समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा हो सकता है। सरकार इसे खत्म करने के लिए विशेष अभियान चला रही है।
6. जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)
यह बीमारी Culex मच्छरों से फैलती है और मस्तिष्क को प्रभावित करती है। मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, गर्दन में अकड़न, बेहोशी और झटके आना शामिल हैं। यह बीमारी खासकर बच्चों को अधिक प्रभावित करती है और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बिहार जैसे इलाकों में इसके केस अधिक मिलते हैं। गंभीर मामलों में यह लकवे या मृत्यु का कारण भी बन सकती है।
कैसे करें इन बीमारियों से बचाव?
- घर और आसपास पानी जमा न होने दें।
- पानी की टंकियों को ढककर रखें और सप्ताह में एक बार साफ करें।
- मच्छरदानी, रिपेलेंट और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
- बुखार या शरीर दर्द के लक्षण हों तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
- सरकार के चलाए जा रहे मच्छर विरोधी अभियानों में सहयोग करें।
डेंगू और मलेरिया की चर्चा तो हम अक्सर सुनते हैं, लेकिन मच्छरों से फैलने वाली अन्य बीमारियां भी उतनी ही खतरनाक हैं। इनसे बचाव केवल सावधानी और जागरूकता से ही संभव है। बरसात का मौसम चल रहा है ऐसे में सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि मच्छर केवल एक काटने से गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं।