Obesity in Youth : भारत में मोटापे की स्थिति
– भारत में मोटापे की दर पिछले 10 वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ गई है। –100 मिलियन (10 करोड़) से अधिक भारतीय मोटापे से जूझ रहे हैं।Obesity in Youth : मोटापे के प्रमुख कारण
– अनियमित खानपान– ज्यादा तला-भुना और जंक फूड खाने की आदत
– फाइबर और प्रोटीन की कम
– अधिक मीठे और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन का सेवन
बैठे रहने की आदत (Sedentary Lifestyle)
– शारीरिक गतिविधियों की कमी– एक्सरसाइज और खेलकूद से दूरी
– लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप पर स्क्रीन टाइम
मोटापे से जुड़ी बीमारियां और उनका प्रभाव (आयु के अनुसार)
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नींद की कमी और तनाव
– अनियमित नींद चयापचय (Metabolism) को प्रभावित करती है– ज्यादा तनाव से हार्मोन असंतुलन और वजन बढ़ने की संभावना
– देर रात तक जागने और अस्वस्थ दिनचर्या का प्रभाव
मोटापे के लक्षण
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– सांस फूलना और जल्दी थकान महसूस होना
– चलने-फिरने में कठिनाई और घुटनों में दर्द
– ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
– आत्मविश्वास में कमी और मानसिक तनाव
मोटापे से होने वाली बीमारियाँ
डायबिटीज (मधुमेह)
भारत में मधुमेह के मामलों की संख्या बढ़ रही है। 2019 में, 20-79 वर्ष की आयु के लगभग 77 मिलियन लोग मधुमेह से पीड़ित थे, और यह संख्या 2030 तक 101 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। युवा वयस्कों में भी टाइप 2 मधुमेह के मामलों में वृद्धि हो रही है।– शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ने से शुगर का स्तर बढ़ता है
– मोटे लोगों में टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है
हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)
– अधिक वजन से दिल पर दबाव बढ़ता है– रक्त संचार में रुकावट आने से स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है
हृदय रोग (Cardiovascular Diseases)
– कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ने से धमनियाँ संकुचित हो सकती हैं– दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिससे हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है
– वजन नियंत्रित करने के उपाय और स्वस्थ जीवनशैली
संतुलित आहार लें
– हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन खाएँ– जंक फूड, ज्यादा मीठा और तली-भुनी चीजों से बचें
– दिन में 3-4 लीटर पानी पीने की आदत डालें
नियमित व्यायाम करें
– रोजाना कम से कम 30-45 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी करें– योग, वॉकिंग, रनिंग या जिम एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें
– मसल्स मजबूत करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें
तनाव कम करें और भरपूर नींद लें
– मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मानसिक तनाव को दूर करें– रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें
– स्क्रीन टाइम को कम करें और आरामदायक वातावरण में सोने की आदत डालें