Sleep deprivation : नींद में इस तरह पड़ता है खलल Effects of lack of sleep
नींद में कमी से जूझ रहे लोगों में 72% बार-बार वॉशरूम जाने के लिए जागते हैं। इसके अलावा उम्र, नींद का पैटर्न, मेटाबॉलिज्म, देर रात स्क्रीन के साथ समय बिताना, रात के खाने की आदतें और शराब का सेवन नींद में खलल डालने वाले सबसे बड़े कारण रेखांकित किए गए हैं।नींद की कमी के नुकसान Harmful effects of lack of sleep
ऑफिस में अनुपस्थिति में इजाफा, काम पर उनींदापन, काम या स्कूल में उत्पादकता में कमी, वाहन चलाते हुए दुर्घटना का जोखिम, निर्णयों पर नकारात्मक असर। बार-बार नींद टूटने से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली, शारीरिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्थिति प्रभावित हो सकती है। लंबे समय तक नींद में गड़बड़ी से हृदय संबंधी बीमारियां, वजन बढ़ने और टाइप 2 मधुमेह सहित मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार पैदा हो सकते हैं।
इस तरह हुआ सर्वेः
लोकलसर्किल्स ने भारत के 348 जिलों में 43,000 लोगों को शामिल करते हुए एक सर्वेक्षण किया। उत्तरदाताओं में से 61% पुरुष और 39% महिलाएं थीं।स्लीप टूरिज्मः 400 अरब डॉलर का बाजार
नींद में कमी की विकट होती समस्या को देखते हुए अनुमान है कि अब दुनिया भर में स्लीप टूरिज्म का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जो कि 2023 और 2028 के बीच लगभग 8% की दर से बढ़ते हुए $400 बिलियन डॉलर हो जाएगा।अधिक से अधिक होटल मेहमानों को सेहतमंद आराम दिलाने में मदद करने के लिए इन-हाउस स्लीप विशेषज्ञों तक पहुंच और अन्य सुविधाएं-सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।