बढ़ती उम्र में हेल्थी हड्डियों के लिए उपाय : Strengthen Bones Increasing age
विटामिन डी: हड्डियों की सेहत के लिए विटामिन डी अत्यंत आवश्यक है। यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है, जिससे हड्डियाँ मजबूत होती हैं। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए मछली, मशरूम और अंडे जैसे खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, सुबह के समय 10 से 15 मिनट धूप में रहना भी फायदेमंद है। इस प्रकार, हड्डियों की मजबूती में मदद मिलती है। कैल्शियम: कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण तत्व है। शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूध, दही, मक्खन, बादाम और ब्रोकली जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है। इनका नियमित सेवन मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ-साथ हड्डियों में होने वाले दर्द को भी कम करने में मदद करता है।
स्मोकिंग और एल्कोहल: स्मोकिंग और शराब दोनों ही स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। धूम्रपान से न केवल श्वसन संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, बल्कि यह हड्डियों को भी कमजोर कर सकता है। हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए धूम्रपान और शराब के सेवन से बचना आवश्यक है।
40 वर्ष की आयु के बाद हड्डियों को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। हालांकि, यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या या एलर्जी है, तो इन उपायों को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
हरी सब्जियां: स्वस्थ जीवनशैली के लिए हरी सब्जियां अत्यंत लाभकारी होती हैं। इनका सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और कमजोरी दूर होती है। हड्डियों में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर हड्डियों के निर्माण में सहायक कोशिकाओं के विकास को प्रोत्साहित करता है। इससे हड्डियों की मजबूती में वृद्धि होती है।
एक्सरसाइज करें: व्यायाम शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है और हड्डियाँ भी मजबूत होती हैं। हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए योग का अभ्यास भी किया जा सकता है। प्रतिदिन व्यायाम करने से हड्डियाँ स्वस्थ बनी रहती हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।