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Vomiting, Pain, Gas or Bloating, जानिए डॉ. ओम प्रकाश दाधीच के आयुर्वेदिक समाधान

Vomiting, Pain, Gas or Bloating : पेट की समस्याएं आज हर उम्र में आम हो गई हैं, लेकिन जब ये लंबे समय तक बनी रहें और दवाओं से राहत न मिले, तो चिंता बढ़ जाती है। इस लेख में हम वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. ओम प्रकाश दाधीच के मार्गदर्शन में जानेंगे कि विभिन्न पेट संबंधी तकलीफों का समग्र समाधान आयुर्वेद कैसे प्रदान करता है।

भारतJun 20, 2025 / 09:37 pm

Manoj Kumar

Vomiting, Pain, Gas or Bloating

Vomiting, Pain, Gas or Bloating

Vomiting, Pain, Gas or Bloating : पेट की गड़बड़ियाँ आजकल हर उम्र और हर वर्ग के लोगों में एक आम शिकायत बन चुकी हैं, लेकिन जब ये समस्याएं महीनों या वर्षों तक बनी रहें और आधुनिक चिकित्सा में स्पष्ट निदान या स्थायी राहत न मिल पाए, तो यह चिंता का विषय बन जाती है। इस लेख में हम डॉ. ओम प्रकाश दाधीच जैसे अनुभवी आयुर्वेदाचार्य के मार्गदर्शन में जानेंगे कि कैसे अलग-अलग व्यक्तियों की पेट की तकलीफों को समग्र दृष्टिकोण से समझकर उचित निदान और उपचार किया जा सकता है।

हर उम्र की पेट की समस्या का एक जवाब – आयुर्वेदिक नजरिए से (Vomiting, Pain, Gas or Bloating)

1. गैस, अपच और पेट का भारीपन:
कई लोगों को खाने के बाद गैस बनना, डकारें आना, पेट में भारीपन और उल्टी जैसा महसूस होना जैसी समस्याएं हो रही हैं। इनमें से कुछ को लंबे समय से यह दिक्कत है, लेकिन सभी जांच सामान्य आई हैं।
उपाय:

  • त्रिफला चूर्ण – रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच लें।
  • हींग और अजवाइन का सेवन – हींग, अजवाइन और सेंधा नमक को मिलाकर भोजन के बाद 1/4 चम्मच लें।
  • शंखवटी और चंद्रप्रभा वटी – पाचन में सहायक, सुबह-शाम एक-एक गोली गुनगुने पानी से लें।
  • पचनीय काढ़ा (Homemade): जीरा, धनिया, सौंफ और सूखा पुदीना—सबको उबालकर भोजन के बाद पिएं।
2. लगातार पेट दर्द और शौच संबंधी समस्याएं:
कुछ मरीजों को पेट में बाईं ओर या निचले हिस्से में दर्द, बार-बार शौच जाना, या शौच से पहले दर्द जैसी समस्याएं हैं। एक मामले में शौच के साथ खून भी आ रहा है, जो गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर सकता है।
उपाय:

  • इसबगोल + त्रिफला चूर्ण – रात में 1 चम्मच त्रिफला और 1 चम्मच इसबगोल गुनगुने पानी के साथ लें।
  • कुटजारिष्ट (Kutajarishta) – बार-बार शौच और आंतों की सूजन के लिए लाभकारी, भोजन के बाद 15ml गुनगुने पानी के साथ लें।
  • सुधा वटी या अतीस चूर्ण – उल्टी, मरोड़ और दस्त में फायदेमंद।
  • बेल फल चूर्ण – दस्त और IBS जैसे लक्षणों में असरदार।
3. बार-बार संक्रमण और पाचन तंत्र की कमजोरी:
कम उम्र के कुछ मरीजों को बार-बार पेट में इंफेक्शन, पाचन शक्ति की कमी, गैस बनने और पेट पर चर्बी बढ़ने जैसी दिक्कतें हैं, जिनमें एंटीबायोटिक दवाएं भी असर नहीं कर रहीं।
उपाय:

त्रिकटु चूर्ण (सौंठ, मरीच, पिप्पली) – सुबह खाली पेट 1/4 चम्मच शहद के साथ लें, पाचन व चर्बी नियंत्रण में सहायक।

आरोग्यवर्धिनी वटी – पाचन और लीवर के लिए उत्तम, 1 गोली दिन में दो बार।
अमृतारिष्ट (Giloy-based tonic) – इम्यूनिटी और संक्रमण से लड़ने के लिए।

गिलोय सत + हल्दी – 1-1 ग्राम शहद के साथ मिलाकर दिन में एक बार लें।

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