हर उम्र की पेट की समस्या का एक जवाब – आयुर्वेदिक नजरिए से (Vomiting, Pain, Gas or Bloating)
कई लोगों को खाने के बाद गैस बनना, डकारें आना, पेट में भारीपन और उल्टी जैसा महसूस होना जैसी समस्याएं हो रही हैं। इनमें से कुछ को लंबे समय से यह दिक्कत है, लेकिन सभी जांच सामान्य आई हैं।
- त्रिफला चूर्ण – रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच लें।
- हींग और अजवाइन का सेवन – हींग, अजवाइन और सेंधा नमक को मिलाकर भोजन के बाद 1/4 चम्मच लें।
- शंखवटी और चंद्रप्रभा वटी – पाचन में सहायक, सुबह-शाम एक-एक गोली गुनगुने पानी से लें।
- पचनीय काढ़ा (Homemade): जीरा, धनिया, सौंफ और सूखा पुदीना—सबको उबालकर भोजन के बाद पिएं।
कुछ मरीजों को पेट में बाईं ओर या निचले हिस्से में दर्द, बार-बार शौच जाना, या शौच से पहले दर्द जैसी समस्याएं हैं। एक मामले में शौच के साथ खून भी आ रहा है, जो गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर सकता है।
- इसबगोल + त्रिफला चूर्ण – रात में 1 चम्मच त्रिफला और 1 चम्मच इसबगोल गुनगुने पानी के साथ लें।
- कुटजारिष्ट (Kutajarishta) – बार-बार शौच और आंतों की सूजन के लिए लाभकारी, भोजन के बाद 15ml गुनगुने पानी के साथ लें।
- सुधा वटी या अतीस चूर्ण – उल्टी, मरोड़ और दस्त में फायदेमंद।
- बेल फल चूर्ण – दस्त और IBS जैसे लक्षणों में असरदार।
कम उम्र के कुछ मरीजों को बार-बार पेट में इंफेक्शन, पाचन शक्ति की कमी, गैस बनने और पेट पर चर्बी बढ़ने जैसी दिक्कतें हैं, जिनमें एंटीबायोटिक दवाएं भी असर नहीं कर रहीं।