जिंक की कमी का इम्यून सिस्टम पर असर : Zinc deficiency immune system
इंफेक्शन के प्रति संवेदनशीलता जिंक इम्यून सिस्टम के विभिन्न हिस्सों को सही तरीके से काम करने में मदद करता है, जैसे कि टी-कोशिकाओं (T-cells) का उत्पादन, जो शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती हैं। अगर जिंक की कमी होती है, तो ये कोशिकाएं सही तरीके से काम नहीं कर पातीं और शरीर इन्फेक्शन से प्रभावी रूप से नहीं बच पाता है। सूजन का बढ़ना जिंक की कमी से सूजन (inflammation) बढ़ सकती है। यह शरीर में अवांछित सूजन को बढ़ा सकती है, जिससे संक्रमण और बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
कोशिकाओं का सही विकास नहीं हो पाता जिंक शरीर की कोशिकाओं के निर्माण और मरम्मत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके बिना, शरीर नई कोशिकाओं का निर्माण नहीं कर पाता, और यह इम्यून सिस्टम की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। एंटीबॉडी का निर्माण
जिंक, एंटीबॉडी बनाने में भी मदद करता है जो वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती हैं। जिंक की कमी से शरीर में एंटीबॉडी का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
जिंक की कमी से बचने के उपाय : Ways to prevent zinc deficiency
- जिंक से भरपूर आहार लें जिसमें आप मांस (चिकन, मटन), सीफूड (मछली, झींगा), दालें और बीन्स, कद्दू के बीज, मेवे (बादाम, अखरोट), अंडे, साबुत अनाज (गेहूं, जई)
- अगर आपके आहार से पर्याप्त जिंक नहीं मिल पा रहा है, तो आप जिंक सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, इसे डॉक्टर के परामर्श से ही लेना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक जिंक से शरीर में अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
- जिंक के साथ-साथ अन्य विटामिन और मिनरल्स, जैसे विटामिन C, विटामिन D, और आयरन भी इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी हैं। इन सभी पोषक तत्वों का संतुलित सेवन इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।