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राजस्थान के राखी से चतराजी 180 साल पहले बल्लारी आए, वर्तमान में जैन समाज के 650 परिवार

धार्मिक एवं सामाजिक सेवा कार्यों में अग्रणी बना हुआ है पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर संघ बल्लारी

पक्षाल के लिए आज भी बावड़ी का पानी काम में ले रहे

हुबलीJan 09, 2025 / 04:13 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर संघ बल्लारी (कर्नाटक) के पदाधिकारी एवं सदस्य।

पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर संघ बल्लारी (कर्नाटक) के पदाधिकारी एवं सदस्य।

पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर संघ बल्लारी (कर्नाटक) कई धार्मिक एवं सामाजिक सेवा कार्यों में अग्रणी बना हुआ है। बल्लारी में समय-समय पर चातुर्मास का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2010 से लगातार चातुर्मास हो रहे हैं। पिछले वर्ष पन्यास प्रवर आगमशेखर विजय आदि ठाणा-3 और साध्वी पर्वनिधिश्री आदि ठाणा-3 का चातुर्मास था। यहां पुरषादानीय पार्श्वनाथ भगवान मंदिर करीब सौ साल पुराना है। मंदिर के पास ही चार मंजिला पार्श्व जैन भवन बना हुआ है। पार्श्वनाथ भगवान के साथ ही शहर में जैन तीर्थकरों के सात मंदिर बने हुए हैं। जैन मार्केट में जगवल्लभ पार्श्वनाथ भगवान का 40 साल पुराना मंदिर है। संघ की ओर से समय-समय पर विभिन्न आपदाओं के समय भी खुलकर सहयोग किया गया। गुजरात भूकंप समेत अन्य आपदाओं के समय संघ का सहयोग रहा। कर्नाटक में आई बाढ़ के दौरान बल्लारी एवं आसपास के स्थानों पर राहत सामग्री का वितरण किया गया। कोरोना के समय करीब डेढ महीने तक लोगों को भोजन के पैकेट वितरित किए गए।
धूमधाम से मनाते हैं महावीर जन्म कल्याणक
महावीर जन्म कल्याणक यहां धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर शोभायात्रा निकाली जाती है। शोभायात्रा पार्श्वनाथ भगवान मंदिर के पास से शुरू होकर ब्राह्मण स्ट्रीट, काल्लामा स्ट्रीट समेत अन्य मार्गों से होते हुए मंदिर परिसर के पास पहुंचकर संपन्न होती है। पिछले 15 साल से जैन रोटी घर का संचालन किया जा रहा है। यहां जरूरतमन्द लोगों को एक रुपए में खाना खिलाया जाता है। इसमें चावल एवं रोटी-सब्जी दी जाती है। गौरक्षण संघ बल्लारी की ओर से करीब 90 साल से गौशाला का संचालन किया जा रहा है। गौरक्षण संघ से सभी प्रवासी राजस्थानी समाज के लोग जुड़े हुए हैं। यहां करीब 460 गायें हैं। अधिकांश गायें बीमार एवं अपंग है।
हर पूर्णिमा को अष्टोतरी अभिषेक
ऐसा बताते हैं राजस्थान के राखी से चतराजी डूंगरचन्द करीब 180 साल पहले बल्लारी आए थे। वर्तमान में उनकी सातवीं पीढ़ी बल्लारी में निवास कर रही हैं। संघ की ओर से पिछले करीब 15 वर्ष से आयंबिल खाता चल रहा है। चैत्र मास एवं आश्विन मास में नवपद ओली होती है। हर पूर्णिमा को अष्टोतरी अभिषेक का आयोजन किया जाता है।
धार्मिक पाठशाला का संचालन
सायं 7 से 9 बजे तक धार्मिक पाठशाला का संचालन किया जाता है। इसमें करीब 200 बच्चे प्रतिक्रमण सूत्र, धार्मिक बातें एवं संस्कार सीख रहे हैं। यहां पक्षाल के लिए आज भी बावड़ी का पानी काम में ले रहे हैं। पिछले 15 साल से जैन भोजनशाला का संचालन किया जा रहा है।
सामूहिक विवाह के आयोजन
बल्लारी में जैन समाज के करीब 650 परिवार निवास कर रहे हैं। इसमें मूर्तिपूजक समाज के करीब 450 परिवार, स्थानकवासी समाज के करीब 135 परिवार और तेरापंथी समाज के करीब 65 परिवार निवास कर रहे हैं। अधिकांश जैन परिवार राजस्थान के बालोतरा, सिरोही, जालोर एवं जोधपुर जिलों से हैं। अकेले सिवाना के करीब 110 परिवार बताए जाते हैं। जैन समाज के लोग शादी-ब्याह के लिए राजस्थान जाते हैं तो कई परिवार कर्नाटक में भी विवाह समारोह आयोजित कर रहे हैं। राजस्थान में कई जगह सामूहिक विवाह के आयोजन भी हो रहे हैं। आहोर में 1992 से सामूहिक विवाह हो रहे हैं।
संघ की कार्यकारिणी
श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर संघ बल्लारी के अध्यक्ष उत्सव लाल बागरेचा सिवाना है। इसके साथ ही अन्य पदाधिकारियों में सूरजमल दांतेवाडिय़ा आहोर उपाध्यक्ष, रोशनलाल बरलूट सचिव, अनील बागरेचा सिवाना एवं भरत लूंकड़ सिवाना सह सचिव, गौतम भोजानी सिवाना कोषाध्यक्ष और कीर्ति कुमार मरडिया जावाल एवं प्रकाश जैन हरजी उप कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत है। कार्यकारिणी सदस्यों में प्रवीण चन्द बागरेचा, सूरजमल बागरेचा, केवलचन्द विनायका, रमेश धोका, हरीश श्रीश्रीमाल, विनोद बागरेचा, महेन्द्र कुमार, संजय कुमार मेहता, राजमल, संघवी कांतिलाल, प्रकाश मेहता, प्रवीण गोठी एवं सुरेश डोसी चौपड़ा शामिल है।

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