अखिल भारतीय माहेश्वरी समाज ने मिशन-100 आइएएस शुरू किया हैं। इसके तहत 2030 तक माहेश्वरी समाज के 100 युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा पास कराना लक्ष्य रखा गया है। यह मिशन 2019 से चल रहा है। अब तक माहेश्वरी समाज के कई युवाओं का सिविल सेवा में चयन हो चुका है। दिल्ली, इंदौर एवं नागपुर में इसके लिए छात्रावास सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
देश में माहेश्वरी समाज की जनसंख्या आठ लाख से भी कम है। अखिल भारतीय माहेश्वरी मंडल के इनोवेट के तहत चार कार्यशालाएं हो चुकी हैं। इंटरनेट में वेबिनार भी कर रहे हैं। समाज के युवाओं को स्टार्टअप के लिए फंडिंग की जा रही है। ऑनलाइन से चुनौती मिल रही है। करीब 10 हजार युवा जुड़े हैं। प्रि-मैरिज एवं पोस्ट-मैरिज काउंसलिंग की जा रही है। उत्तर भारत में कई जगहों पर ऐसी काउंसलिंग दी गई है।
पिछले साल महाराष्ट्र के पर्बनी में 16 से 22 वर्ष आयुवर्ग के समाज के 450 युवक-युवतियों को उड़ान कार्यक्रम के तहत लाठी चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। 2021 में पूणे में भी ऐसा आयोजन हुआ। समाज की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के लिए वैक्सीन दे रहे हैं। अखिल भारतीय स्तर पर रियायत दी जा रही है। इसके लिए दो साल से शिविर भी लगाए जा रहे हैं। समाज की 70 फीसदी महिलाएं इसके तहत कवर की जा चुकी है।
कर्नाटक-गोवा प्रांतीय माहेश्वरी संगठन के अध्यक्ष गोविन्द बलदवा ने बताया कि कोविड के दौरान माहेश्वरी समाज ने विशेष सेवाएं दीं। लोगों को खाद्य सामग्री का वितरण किया। बल्लारी में माहेश्वरी समाज के 75 परिवार है। अधिकांश परिवार एपीएमसी, रियल एस्टेट, राइस मिल, ज्वेलरी, कपड़े, ऑटोमोबाइल समेत अन्य बिजनेस में हैं। महेश नवमी का पर्व धूमधाम से मना रहे हैं। अन्य तीज-त्योहार भी समाज के लोग उत्साह एवं उमंग के साथ मना रहे हैं।