नवविवाहित दंपत्ति द्वारा विवाह के अवसर पर पौधरोपण, नशामुक्त समारोह और गौदान जैसे सामाजिक व पर्यावरणीय सरोकारों को महत्व देना एक सराहनीय पहल है। यह उदाहरण न केवल विवाह जैसे निजी अवसर को सामाजिक कल्याण से जोड़ता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक मूल्यों को भी प्रोत्साहित करता है। कर्नाटक के हुब्बल्ली में रह रहे राजस्थान मूल के लोगों की इसमें भागीदारी और इस पहल की सराहना यह दर्शाती है कि सकारात्मक सोच और परंपरा को नया रूप देने की भावना सीमाओं से परे जाती है। इस तरह की पहल समाज में जागरूकता फैलाने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यदि इस पहल को व्यापक रूप से प्रचारित किया जाए, तो यह अन्य दंपत्तियों और परिवारों के लिए भी एक आदर्श बन सकती है। इस दौरान गौशाला संचालक जालाराम विश्नोई, नरेश साहू समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे।